Nagpur High Court
File Photo

    Loading

    नागपुर. करोड़ों का कर्ज बकाया होने के कारण बैंक के अनुरोध पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के आदेशों के अनुसार लुकआउट नोटिस जारी कर विदेश जाने पर पाबंदी लगाई गई. इसके बावजूद 18 जुलाई से लेकर 1 अगस्त के बीच यूके के कैम्ब्रिज में जाने के लिए छूट देने का अनुरोध करते हुए प्रफुल्ल वैद्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अतुल चांदूरकर और न्यायाधीश उर्मिला जोशी ने इसके पूर्व इसी तरह की याचिका में दी गई राहत का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को भी विदेश जाने की अनुमति प्रदान की. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. अतुल पांडे और केंद्र सरकार की ओर से अधि. वी.ए. ब्रम्हे ने पैरवी की.

    लंदन स्थित इंडियन एम्बेसी में दर्ज कराएंगे उपस्थिति

    ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन द्वारा जारी किए गए लुकआउट नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने सुनवाई के दौरान बताया कि उनकी बेटी यूके के कैम्ब्रिज में रहती है जिसे हाल ही में बेटा हुआ है. अत: 18 जुलाई को उन्हें वहां जाना है. अर्जी में वहां के आवास की जानकारी पहले ही प्रदान की जा चुकी है. साथ ही वहां पर संचालित होने वाले मोबाइल नंबर की भी जानकारी उजागर की गई है. वहां रहते समय लंदन स्थित इंडियन एम्बेसी में जाकर उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी.

    बैंक की अब तक वसूली पूरी नहीं

    सुनवाई के दौरान बैंक की ओर से याचिकाकर्ता के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा गया कि अब तक बैंक की वसूली पूरी नहीं हो पाई है. अत: याचिकाकर्ता को विदेश जाने की अनुमति नहीं जानी चाहिए. कम से कम कुछ निधि बैंक में जमा करने के आदेश याचिकाकर्ता को देने का अनुरोध अदालत से किया गया. दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने कहा कि एक याचिका में बैंक की वसूली के लिए डीआरटी में मामला लंबित होने के बावजूद लुकआउट नोटिस के बाद भी विदेश जाने की अनुमति प्रदान की गई है.

    इस मामले में भी याचिकाकर्ता को सीमित समय के लिए विदेश जाना है. अत: वहां रहते समय एक बार इंडियन एम्बेसी में उपस्थिति दर्ज कराने तथा वहां के आवास के संदर्भ में सटीक जानकारी शपथपत्र पर देने के आदेश याचिकाकर्ता को दिए. साथ ही विदेश जाने की अनुमति प्रदान की.