
- 188 से ज्यादा फर्जी ID मिली
- 2 सॉफ्टवेयर भी जब्त
नागपुर. सैकड़ों फर्जी आईडी के सहारे केवल 3 महीनों में ही 23,99,990 रुपये की ट्रेन टिकट बुक करने वाले अवैध एजेंट को रेलवे सुरक्षा बल की अपराध शाखा ने दबोचा. आरोपी का नाम जरीपटका निवासी अनिकेत दिवाकर सवई (30) बताया गया. सीआईबी टीम को अनिकेत के पास से 188 से ज्यादा फर्जी आईडी और 258 टिकटें मिलीं. इनमें से 4,98,862 रुपये की 256 पुरानी और 2,850.35 रुपये की 2 लाइव टिकटें जब्त की गई. वहीं अनिकेत के कम्प्यूटर से तत्काल टिकटें बुक करने के लिए उपयोग किये जाने वाले 2 सॉफ्टवेयर तेज और नेक्सस भी जब्त किये गये.
एक वर्ष पहले शुरू किया फर्जीवाड़ा
सीआईबी को गुप्त सूचना मिली कि आयुष उरकुडे के नाम और मोबाइल नंबर से लगातार ट्रेन टिकटें बुक की जा रही है. अवैध दलाली का संदेह होने पर सीआईबी ने निगरानी रखकर आयुष का पता लगाया और पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया. आयुष ने अपने बयान में जानकारी दी कि वह ऐसी कोई टिकट बुकिंग का काम नहीं करता है. पिछली बार करीब एक वर्ष पहले उसने अनिकेत के माध्यम से ट्रेन टिकट बुक कराई थी. इसके लिए उसने अपना आधार कार्ड दिया था. फिर एक ओटीपी आया था जिसे अनिकेत कहने पर उसे शेयर किया था. इसके बाद अनिकेत की लाइव लोकेशन का पता कर उसे जरीपटका से दबोचा गया.
जिसके नाम की टिकट, उसी के नाम की ID
पूछताछ में अनिकेत ने पहले तो सीआईबी को बरगलाने की कोशिश की लेकिन सख्ती बरतते हुए तोते के समाने बोलने लगा. उसने बताया कि उसकी अपनी कोई आईआरसीटीसी आईडी नहीं है. टिकट बुकिंग के लिए उसे जिस यात्री का आधार कार्ड मिलता था, वह उसी के नाम पर फर्जी आईआरसीटीसी आईडी बनाकर टिकट बुकिंग शुरू कर देता था. इस प्रकार वह 188 से अधिक फर्जी आईडी बना चुका है और उन्हें से अवैध रूप से टिकटें बुक करके कमीशन कमाता था.
1 करोड़ के ऊपर जा सकता है आंकड़ा
उसके कम्प्यूटर और मोबाइल का डेटा खंगालने पर सीआईबी के भी होश उड़ गये. अनिकेत ने इन फर्जी आईडी के सहारे उसने केवल 3 महीनों में 23,99,990 रुपये की टिकटें बुक कर चुका है. वह यह काम करीब 1 वर्ष से कर रहा है. सीआईबी अधिकारियों को संदेह है कि यदि अनिकेत द्वारा एक वर्ष से की गई बुकिंग निकाली जाये तो यह आंकड़ा 1 करोड़ रुपये से ऊपर जा सकता है. अनिकेत ने बताया कि तत्काल टिकट बुकिंग के लिए तेज और नेक्सस जैसे सॉफ्टवेयर भी उपयोग करता था जिसमें एक क्लिक से एक ही बार में 10 टिकटें तुरंत बुक हो जाती है. यह कार्रवाई सीनियर डीएससी आशुतोष पांडेय के मार्गदर्शन में पीआई नवीन कुमार, आर के भारती, मुकेश राठौड़, सागर, जसवीर सिंह, शाम झाडोकर आदि द्वारा पूरी की गई. आगे की जांच अजनी आरपीएफ थाने को सौंपी गई.