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    नागपुर: महाराष्ट्र (Maharashtra) में आज ग्राम पंचायत चुनाव का परिणाम सामने आने वाला है। वहीं, दूसरी तरफ शीतकालीन सत्र (Maharashtra Assembly Winter Session 2022) में राज्य सरकार और विपक्ष अलग-अलग मुद्दों पर आमने-सामने आ गए हैं। आज सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी विपक्ष के नारेबाजी से हुई। विधानसभा का काम शुरू होते ही विपक्ष के नेता अजित पवार ने उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों को निलंबित करने का मुद्दा उठाया। इसके बाद अजित पवार (Ajit Pawar) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के बीच लड़ाई शुरू हो गई। 

    आज शीतकालीन सत्र (Maharashtra Assembly Session 2022) के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता अजित पवार ने सरकार से राज्य में विकास कार्यों को निलंबित करने के लिए जवाब मांगा। राज्य में विकास कार्यों पर रोक को लेकर अजित पवार इस बार आक्रामक नजर आए। उसके बाद महा विकास अघाड़ी के विधायक वेल में उतरे और ईडी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। “यह नहीं चलेगा, यह नहीं चलेगा, तानाशाही नहीं चलेगी। स्थगिती सरकार हाय हाय। 50 खोके एकदम ओके” के नारे इस समय विरोधियों ने लगाए थे।

    इस बीच जब अजित पवार (Ajit Pawar) ने विकास कार्यों को निलंबित करने के मुद्दे पर आपत्ति जताई तो देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें कड़े शब्दों में जवाब दिया। फडणवीस ने कहा, “आप सात बार चुने गए हैं। हम कम बार चुने गए हैं। लेकिन मैंने आपसे कुछ चीजें सीखी हैं। जब उद्धव ठाकरे ने सरकार का नेतृत्व किया और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने, तो आपने हमारी सभी विकास परियोजनाओं को रोक दिया।”

    फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने आगे कहा, “भले ही आपने हमारे साथ गलत किया हो, हम आपके साथ गलत नहीं करेंगे। आवश्यक निलंबन हटा लिया गया है। जहां प्रावधान अधिक हैं, वही के निलंबन को  बनाए रखा जाता है। जल्द ही हम इस बारे में भी उचित फैसला लेंगे।’ जरूरत पड़ने पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो मैं उसकी जानकारी भी आपको भेजूंगा।’ किसी के साथ अन्याय करने का कोई कारण नहीं है।”

    फडणवीस ने कहा, “आपने मेरे ही निर्वाचन क्षेत्र में काम रोक दिया। आपने ढाई साल में भाजपा के लोगों को एक नया पैसा नहीं दिया। लेकिन, हमने बदला लेने की कोई भावना नहीं रखी। हमने लगाए गए निलंबन में से 70 प्रतिशत को हटा लिया है। 30 प्रतिशत बकाया रखा गया है, बशर्ते कि अंतिम अवधि में आवंटन करने में प्रावधान के किसी नियम का पालन नहीं किया गया हो। जहां 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। वहां 6-6 हजार करोड़ रुपए बांटे गए हैं। उनके वर्क ऑर्डर दे दिए गए हैं। यह पैसा कहां से लाएं? इसलिए, अगर आमदनी अठन्नी खर्चा रूपया ऐसा व्यवहार हुआ है, तो उसी तरह ही कोष स्वीकृत किया जाएगा।”