Court approves sacking of 12 Manpa employees, High Court validates Munde's decision
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    नागपुर. होमियोपैथी कॉलेज और यश ग्लोबल ट्रेड लिंक शुरू करने में सरकार की मंजूरी दिलाने के नाम पर ठगी किए जाने के बाद राजेश मुरकुटे ने कोतवाली पुलिस थाने में 11 अक्टूबर 2022 को अजीत पारसे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. धोखाधड़ी को लेकर शिकायत दर्ज किए जाने के बाद भी पुलिस ने अब तक आरोपी पारसे को गिरफ्तार नहीं किया.

    अब गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की है जिस पर बुधवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल पानसरे ने ‘यदि पारसे का स्वास्थ्य सामान्य हो तो अस्पताल में ही पूछताछ करने तथा इसका वीडियो बनाने’ के आदेश जांच अधिकारी को दिए. याचिकाकर्ता की अधि. एचए खेडीकर और सरकार की सहायक सरकारी वकील नितिन रोडे ने पैरवी की. 

    सहयोग नहीं कर रहा पारसे

    बुधवार को सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने अदालत में उपस्थित होकर कहा कि हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार वह ट्रीट-मी अस्पताल गया थे लेकिन पारसे सहयोग नहीं कर रहा है. हालांकि उसे केवल पैर और पेट में दर्द है. इसके बाद भी किए जा रहे सवालों का जवाब नहीं दे रहा है. जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की गई वास्तविकता के बाद अदालत ने सवालों की सूची तैयार कर याचिकाकर्ता को देने के आदेश दिए.

    सवालों की सूची मिलने के बाद अगली सुनवाई को इसके जवाब दायर करने के आदेश पारसे को दिए. अदालत ने आदेश में कहा कि सवालों की सूची या तो याचिकाकर्ता या फिर उसके वकील को दी जाए. आदेश में गत समय अदालत ने कहा था कि भले ही याचिकाकर्ता अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो लेकिन उससे पूछताछ के लिए जांच अधिकारी अपने अधिकारों का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं. 

    सूची देने की अनुमति दे अस्पताल

    अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि ऑरेंज सिटी अस्पताल का जो भी नियंत्रण अधिकारी हैं, वह पारसे को सवालों की सूची उपलब्ध कराने के लिए जांच अधिकारी को अनुमति दें. यदि याचिकाकर्ता की स्थिति सामान्य हो तो इलाज कर रहे डॉक्टर संबंधित जांच अधिकारी को अस्पताल में ही पूछताछ करने की भी अनुमति दें.

    आदेश में अदालत ने कहा था कि हलफनामा में इलाज की विस्तृत और बारीकियों की जानकारी देनी होगी. साथ ही भविष्य के इलाज के संदर्भ में भी खुलासा करना होगा. जमानत की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए सरकार की ओर से बताया गया कि शिकायत मिलने के बाद पारसे के कार्यालय की जांच की गई थी जिसमें कई तरह के आपत्तिजनक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं.