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    नागपुर. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी द्वारा नोटिस भेजे जाने पर कांग्रेसी भड़क गए. नागपुर में पालक मंत्री नितिन राऊत के नेतृत्व में ईडी कार्यालय के सामने सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया. हालात ऐसे बन गए कि पुलिस को पालक मंत्री नितिन राऊत, मंत्री विजय वडेट्टीवार, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मुलक, विशाल मुत्तेमवार, उमाकांत अग्निहोत्री सहित सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर परिसर से हटाना पड़ा. करीब पौन घंटे तक ईडी कार्यालय के सामने मोदी सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगे.

    इस दौरान विकास ठाकरे कार्यालय के मेन गेट पर चढ़ गए. उनके पीछे फिर पालक मंत्री सहित सारे कार्यकर्ता भी गेट को खुलवाने के लिए पर चढ़ गए. बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ भी तैनात की गई. पुलिस ने फिर सभी को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया. पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे, वसंत पुरके, सुनील देशमुख, अभिजीत वंजारी, राजू पारवे, रहसराम कोरोटे, प्रतिभा धानोरकर, कुणाल राऊत, गिरीश पांडव, किशोर गजभिये, प्रमोद ठाकुर, राजू बर्वे, रश्मि बर्वे सहित महिला कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल हुए. 

    अनेक कार्यकर्ता हुए घायल

    जैसे ही पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना शुरू किया तो धक्कामुक्की शुरू हो गई. इस दौरान अनेक कार्यकर्ताओं को चोटें भी आईं. कुछ घायल भी गए. ‘राहुल गांधी आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं, तानाशाही नहीं चलेगी. मोदी सरकार मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाते हुए कार्यकर्ता अपनी गिरफ्तारी देते रहे. लगभग सभी नेताओं को पुलिस की गाड़ी में भरकर वहां से ले जाया गया. पुलिस ने पहले बैरिकेड लगाकर मोर्चा को रोकने का प्रयास किया लेकिन कार्यकर्ता पीछे नहीं हटे. तब गिरफ्तारी शुरू की गई. ठाकरे को जैसे ही पुलिस ने गाड़ी में ठूंसा तो कार्यकर्ता गाड़ी पर चढ़ गए और नारेबाजी करने लगे. 

    दबाव व धमकियों से डरने वाले नहीं

    राऊत ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के बलिदान का इतिहास है, इसलिए तुम ईडी के माध्यम से जितना दबाव लाने का प्रयास करोगे हम उतना मजबूत होकर उभरेंगे. उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई का खौफ दिखाकर तुम विधायक, सांसद को खरीद सकते हो लेकिन सामान्य कांग्रेस कार्यकर्ता को खरीद नहीं सकते. कार्यकर्ता ऊपर से शांत दिख रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है, अगर कार्यकर्ता ने ठान लिया तो तानाशाही करने वाली मोदी सरकार को सत्ता से नीचे खींचकर उसकी जगह दिखा देगा. उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं को कितनी भी ईडी का नोटिस भेजो हम घबराने वाले नहीं है. सड़क पर उतर कर, पुलिस की लाठियां खाकर, खून बहाकर तानाशाही का विरोध करेंगे. 

    डरते हैं, इसलिए कार्रवाई

    पूर्व पालक मंत्री शिवाजीराव मोघे ने कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों व तानाशाही निणयों के खिलाफ सबसे अधिक राहुल गांधी बोलते हैं और यही कारण है कि ये सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. सोनिया गांधी के नेतृत्व में 2 बार देश में कांग्रेस की सरकार बनी. भाजपा जानती है कि उनके नेतृत्व में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनेगी और इस डर के कारण उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का नोटिस दिया गया है. विकास ठाकरे, वसंत पुरके, राजेन्द्र मुलक, रश्मि बर्वे ने भी अपने संबोधन में मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया. इस दौरान अतुल कोटेजा, शेख हुसैन, संदेश सिंगलकर, सुकेशिनी डोंगरे, मंजू चाचेरकर, राजा गोपाले, प्रा.दिनेश बानाबाकोडे, प्रशांत धवड, गजराज हटेवार, संजय महाकालकर, सुनील जाधव, ईरशाद अली, रिचा जैन, नैश अली, वंदना मेश्राम, सीमा चव्हाण, कृष्णकुमार पांडे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.