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    नागपुर. कलमना में चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला सामने आने के बाद सिटी पुलिस बच्चा चोर गिरोह पर विशेष ध्यान दे रही है. इस रैकेट में शामिल आरोपियों को पकड़े जाने के बाद सिटी से 6 बच्चों की बिक्री होने की जानकारी सामने आई. जल्द और भी प्रकरणों का खुलासा होने की संभावना है. कलमना की घटना में पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाले योगेंद्र प्रजापति, उसकी पत्नी रीता प्रजापति, गिरोह की मुखिया श्वेता रामचंद्र सावले उर्फ श्वेता मकबूल खान (43), कुंदनलाल गुप्तानगर निवासी फरजाना उर्फ असार कुरैशी (40), विनोबा भावेनगर निवासी सीमा परवीन अब्दुल रउफ अंसारी (38), लष्करीबाग भोसलेवाड़ी निवासी बादल धनराज मड़के (35) और इंदोरा मॉडेल टाउन निवासी सचिन रमेश पाटिल (45) को गिरफ्तार किया था. सभी से पुलिस हिरासत में पूछताछ जारी है.

    अपने 3 बच्चों को भी बेचा

    सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि कलमना से राजकुमारी निशाद का 5 महीने का बच्चा चोरी करने वाला प्रजापति दंपति लंबे समय से इस काम में सक्रिय है. दोनों दूसरे के बच्चे तो चोरी कर ही रहे थे अपने 3 बच्चों को भी दोनों ने अलग-अलग लोगों को बेचा है. प्रजापति ने कुल 5 बच्चे होने की जानकारी दी जिनमें से 2 बच्चों को भंडारा जिले में और 1 को नागपुर में बेचे जाने की जानकारी सामने आई. अब दोनों के पास 2 बच्चे हैं. दस्तावेजों के अनुसार मार्च 2018 से जून 2022 तक उन्हें 5 बच्चे हुए. ये पांचों बच्चे प्रजापति दंपति के ही हैं या नहीं, यह जानने के लिए पुलिस अन्य 2 बच्चों की डीएनए जांच करवाने वाली है. सभी बच्चों को श्वेता खान के जरिए ही बेचा गया था. जांच में पता चला कि पिछले 1 वर्ष में प्रजापति दंपति राज्य के अलग-अलग शहरों में 18 जगहों पर रह चुके हैं. पुलिस उन सभी जगहों पर दबिश देकर और जानकारी इकट्ठा करने का प्रयास कर रही है.

    श्वेता खान ही करती थी लेन-देन

    सीपी ने बताया कि श्वेता खान ही सभी बच्चों का सौदा करती थी. इस गैंग ने प्रजापति दंपति के अलावा भी अन्य जगहों से बच्चे लिए हैं. अंबाझरी थाना क्षेत्र में रहने वाली आलिया नामक महिला से 15 दिन पहले एक बच्चा लिया गया. यह बच्चा सीमा, फरजाना, सचिन और बादल ने श्वेता खान तक पहुंचाया. श्वेता ने डेढ़ लाख रुपये में छत्तीसगढ़ के जनकपुर में रहने वाले एक दंपति को बच्चा बेच दिया. उसे लाने के लिए एक टीम रवाना हो चुकी है और अंबाझरी थाने में दूसरा मामला दर्ज किया जा रहा है. श्वेता खान अपने साथियों को पैसा बांटने के बाद दोबारा खरीदार के घर जाती थी. पुलिस को मामले का पता चल गया है कहकर ब्लैकमेल करती थी और उनसे डबल रकम वसूल करती थी.

    स्वघोषित समाजसेविका का भी भंडाफोड़

    बाल तस्करी का मामला बाहर आते ही अब लोग पुलिस से संपर्क कर जानकारी दे रहे हैं. ऐसा ही एक और मामला शांतिनगर थाना क्षेत्र में सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने स्वघोषित समाजसेविका का भंडाफोड़ किया है. पकड़ी गई महिला राजश्री सेन बताई गई. राजश्री 3 बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नगरपालिका का इलेक्शन भी लड़ चुकी है, इसीलिए कई लोग उसके पास मदद मांगने जाते थे. एक बेसहारा महिला को उसके साथी ने छोड़ दिया था. गर्भवती होने के कारण वह राजश्री से मदद मांगने गई. राजश्री ने उसे अपने ही घर पर पनाह दी. विगत 11 नवंबर को उस महिला ने बच्चे को जन्म दिया. राजश्री ने उसका बच्चा तुलजापुर के एक दंपति को बेच दिया. 2 लाख रुपये में सौदा होने की जानकारी सामने आई है. बताया जाता है कि राजश्री के विरोधियों ने यह खबर पुलिस तक पहुंचाई. जांच में सारी बातें सच निकलीं. पुलिस ने राजश्री को हिरासत में ले लिया. 

    खरीदार पर भी होगी कार्रवाई

    बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण लोग इस तरह के दलालों से ही बच्चे खरीदते हैं लेकिन इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए. बच्चे चोरी करना जितना बड़ा जुर्म है उतने ही जिम्मेदार बच्चे खरीदने वाले भी हैं, इसीलिए अब पुलिस बच्चे खरीदने वाले लोगों को भी आरोपी बना रही है.