Mahalaxmi Nagpur

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    • श्रृंगार से लेकर साड़ी सहित अन्य सामग्रियों की हो रही खरीदी
    • 2,000 रुपये से अधिक का मिल रहा 4 फूल माला का सेट
    • फूलों के भी बढ़ गये भाव

    नागपुर. महाराष्ट्रियन समाज में होलकर कालीन समय से गणेश स्थापना के बाद महालक्ष्मी को विराजित करने की परंपरा चली आ रही है. ऑरेंज सिटी में घर-घर में महालक्ष्मी के स्वागत के लिए तैयारियां की जा रही हैं. रविवार से महालक्ष्मी की पूजा शुरू होगी और तीन दिन तक उत्सव मनाया जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि महालक्ष्मी अपने मायके आती हैं. इस दौरान वे भगवान गणेश से भी मुलाकात करती हैं. इस त्योहार के लिए तैयारियां जितनी घरों में की जा रही हैं उतनी ही तैयारियां मार्केट में भी नजर आ रही है. माता के श्रृंगार, साड़ी से लेकर सजावट के हर एक आइटम की बाजार में डिमांड बढ़ गई है. महालक्ष्मी अपने दो रूपों ज्येष्ठा और कनिष्ठा के रूप में विराजमान होती हैं. इस दौरान उनके एक पुत्र एवं एक पुत्री की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाती हैं. श्रृंगार के साथ ही फूलों के साथ माला की डिमांड भी अच्छी-खासी बढ़ गयी है. इस समय 4 मालाओं के सेट की कीमत 2,000 रुपये से अधिक बताई जा रही है. सजावट के लिए आर्टिफिशियल ज्वेलरी की काफी पूछ-परख हो रही है.

    चितार ओली में मिल जाता है पूरा सेट

    शहर के चितार ओली में माता लक्ष्मी का पूरा सेट मिल जाता है. यहीं पर उनके श्रृंगार और सजाने के लिए ज्वेलरी भी उपलब्ध हो जाती है. माता के रविवार को स्थापित होने से मार्केट में अच्छी-खासी चहल-पहल रही. चूड़ी, बिंदी, झूमके, हार सहित विविध तरह की चीजों की खरीदी की जा रही है. दूसरे दिन गौरी महालक्ष्मी को 16 प्रकार की सब्जियां, 16 प्रकार के मिष्ठान पूरणपोली, लड्डू, करंजी, अनारसा जैसे छप्पन प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है. इन पकवानों को बनाने के लिए सब्जी, चने की दाल, खोवा सहित विविध तरह के किराना वस्तुओं की खरीदी की जा रही है. लोगों को इस समय ये सारी सामग्रियां खरीदी करने के लिए महंगाई से दो-चार होना पड़ रहा है. महालक्ष्मी के स्वागत के लिए घर को सजाने के लिए तरह-तरह सजावटी सामानों से सजाकर विद्युत रोशनी की जाती है. इसके चलते विविध तरह के लाइट्स, एलईडी सीरीज, कलरफुल लाइट्स, फोकस की खरीदी की जा रही है. 

    काम से लगे कैटरर्स

    कोरोना काल में मंदी झेल चुके कैटरर्स अब गणेशोत्सव के साथ-साथ महालक्ष्मी के पर्व को लेकर काम पर लग गये हैं. कैटरर्स पांडे ने बताया कि खाने की रेंज और महालक्ष्मी में बनने वाले पकवानों और लोगों की संख्या के अनुसार रेट तय किये जा रहे हैं. खाने की रेंज के साथ 40,000 से इसकी शुरुआत है. यदि लोग कम रहे तो यह 20,000 से 25,000 में भी हो जाता है. पांडे ने कहा कि शादियों का सीजन तो कोरोना की भेंट चढ़ गया लेकिन अब त्योहारों से उम्मीदें जागी हैं. बारिश को देखते हुए आयोजन के लिए वॉटर प्रूफ मंडप की डिमांड की जा रही है. जगह और साइज के अनुसार इनकी रेंज भी 40,000 से ऊपर बताई जा रही है. हर घर में महालक्ष्मी के त्योहार का आयोजन कोई छोटे तो कोई बड़े रूप में करता है. इसके अनुसार ही मंडप की डिमांड हो रही है. 

    फूल माला का आकर्षण

    महालक्ष्मी के लिए फूल मालाओं का सेट तैयार किया जा रहा है. गणेशोत्सव और महालक्ष्मी को देखते हुए फूलों की मांग भी काफी अधिक बढ़ गई है. इसके चलते फूलों के भी भाव बढ़ गये हैं. शहर में विविध स्थानों पर महालक्ष्मी के लिए गजरे और फूलों की आकर्षक माला तैयार की जा रही है. जितनी आकर्षक माला उतनी ही उसकी कीमत. अलग-अलग स्थानों में मालाओं के सेट की कीमत भी अलग-अलग बताई जा रही है. कहीं यह 1500 रुपये तो कहीं 2000 रुपये से अधिक की कीमत बताई जा रही है. गजरे की कीमत 40 से 50 रुपये बताई जा रही है.