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    • 10 करोड़ मेडिकल को मिले 
    • 10 करोड़ सुपर को 
    • 03 करोड़ स्टेट प्लान से मेडिकल को 
    • 02 करोड़ स्टेट प्लान से सुपर को

    नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल के अपग्रेडेशन के लिए जिला नियोजन समिति और स्टेट प्लानिंग द्वारा 25 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई गई है. इस निधि से मेडिकल के साथ ही सुपर के विभागों में नई मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी. किचन और लांड्री विभाग को आधुनिक बनाया जाएगा.

    मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि डीपीडीसी के माध्यम से मेडिकल को 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इस निधि से लांड्री प्लांट को ऑटोमैटिक बनाया जाएगा. लांड्री विभाग पुराना होने के साथ ही उसमें आधुनिक उपकरणों का अभाव बना हुआ था. मेडिकल में हर दिन 1000 से अधिक मरीजों के लिए दो वक्त का भोजन और नाश्ता तैयार किया जाता है. इसकी जिम्मेदारी किचन विभाग पर होती है. कर्मचारी सतत रूप से 12 महीने कार्य करते हैं. किचन के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव पिछले दिनों तैयार किया गया था लेकिन निधि के अभाव में कार्य शुरू नहीं हो सका था. इस निधि से माड्यूलर किचन तैयार किया जाएगा. इससे मरीजों को समय पर नाश्ता और भोजन मिल सकेगा. 

    नेत्र विभाग को मिलेंगी मशीनें

    लांड्री विभाग के आधुनिकीकरण पर 5 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. साथ ही एनेस्थिसिया विभाग में नई मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी. नेत्र विभाग में भी आधुनिक मशीनों की मांग की जा रही थी. अब 2.5 करोड़ नेत्र विभाग के अपग्रेडेशन पर खर्च किये जाएंगे. आर्गन प्लाज्मा मशीन खरीदी जाएगी. सर्जरी विभाग के लिए स्पाई मशीन खरीदी जाएगी. वहीं सफाई के लिए स्क्रबर सहित अन्य मशीनें खरीदी जाएंगी. मेडिकल के साथ ही सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को भी 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इस निधि से एंडोस्कोप, न्यूरो सर्जरी विभाग के लिए मशीनें खरीदी जाएंगी. राज्य सरकार की ओर से स्टेट प्लान के अंतर्गत सुपर को 2 और मेडिकल को 3 करोड़ रुपये मिले हैं. सभी विभागों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उपकरणों की खरीदी की योजना बनाई जा रही है. इससे मरीजों को और बेहतर सेवा मिल सकेगी.

    21 से नई एमआरआई शुरू 

    मेडिकल को नई एमआरआई मशीन मिली है. रेडियोलॉजी विभाग में मशीन को लगाने का कार्य पूरा हो गया है. 21 मई से मशीन कार्य करने लगेगी. करीब तीन वर्ष से मेडिकल में एमआरआई की सुविधा नहीं थी. पुरानी मशीन कालबाह्य होने से मरीजों को दिक्कतें आ रही थीं. साथ ही विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षण नहीं मिल रहा था. करीब महीनेभर पहले मशीन उपलब्ध हुई. उसे लगाने के लिए रेडियोलॉजी विभाग में प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है. अब मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

    डीपीडीसी के अंतर्गत निधि उपलब्ध कराने में पालक मंत्री ने पूरा सहयोग किया. इससे मेडिकल की कार्य क्षमता में वृद्धि होगी. निधि में से सभी विभागों को कुछ न कुछ मिलने वाला है. अपग्रेडेशन की दिशा में यह उपयुक्त कदम है.

    – डॉ. सुधीर गुप्ता, अधिष्ठाता मेडिकल