मेडिकल : 3 वर्षों से बंद पड़ी ब्रेकी थेरेपी मशीन, कैंसर मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

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    नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल के रेडियोथेरेपी विभाग को केंद्र के खनिकर्म मंत्रालय की मदद से 2005 में ‘कोबाल्ट यूनिट’ मिला. उसी वक्त ब्रेकी थेरेपी मशीन द्वारा लाइट देने वाली उपकरण मिला, लेकिन पिछले 3 वर्षों से ब्रेकी थेरेपी पर उपचार बंद है. इस वजह से कैंसर पर वरदान साबित होने वाली ब्रेकी थेरेपी के उपचार से 15,000 मरीज वंचित हो गये.

    11 वर्ष पहले मेडिकल में कैंसर इंस्टीट्यूट शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन अब तक इस प्रस्ताव पर कुछ भी नहीं हो सका. साढ़े तीन वर्ष से ब्रेकी थेरपी मशीन भी बंद पड़ी है. इसे सुधारने के लिए प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. हर दिन मेडिकल के कैंसर विभाग में 5-6 मरीज ब्रेकी थेरेपी के उपचार के लिए आते हैं लेकिन मशीन बंद होने से बैरंग लौटना पड़ता है.

    दरअसल कैंसर की पेशी में वृद्धि पर नियंत्रण के लिए उक्त थेरेपी उपयोगी साबित होती है. शरीर के विशिष्ट हिस्से में कोबाल्ट के माध्यम से ब्रेकी थेरेपी का सोर्स दिया जाता है. यह उसी पेशी को नष्ट करती है जिससे कैंसर फैलता है. मेडिकल में विविध शासकीय योजना के तहत मरीजों का इलाज होता है लेकिन मशीन बंद होने से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रास्ता दिखाया जाता है.