Rajendra Mulak

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    नागपुर. 10 दिसंबर को होने वाले विधान परिषद हेतु स्थानीय निकाय सदस्य वाली सीट के लिए चुनाव हेतु कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री राजेन्द्र मुलक का नाम फाइनल होने की जानकारी पार्टी सूत्रों से मिली है. यह दावा भी किया जा रहा है कि भले ही भाजपा के पास अधिक वोटिंग सदस्य हों लेकिन अगर कांग्रेस के सभी गुटों ने साथ दिया तो मुलक की जीत भी सुनिश्चित है. मुलक का नाम रविवार को फाइनल हो सकता है. लेकिन कांग्रेस के ही कुछ नेता मुलक की वजनदारी को रोकने के लिए भितरघात की तिकड़म भी लगाने की खबर है. यह भी पक्की खबर है कि इन तिकड़मबाजों की मंशा की खबर आलाकमान के पास पहुंच चुकी है और आलाकमान ने किसी भी सूरत में विधान परिषद के इस चुनाव में पार्टी उम्मीदवार को जिताने के स्पष्ट निर्देश जिले के दोनों मंत्रियों नितिन राऊत और सुनील केदार को दिये हैं.

    भाजपा ने तो पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को इस चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया है. कांग्रेस अपने उम्मीदवार का नाम फाइनल करने के लिए दो दिनों से बैठकें कर रही है. शनिवार को भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के निवास पर दोनों मंत्रियों के साथ कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक होने की खबर मिली है. मुलक के अतिरिक्त भी कई और नाम पार्टी में चल रहे हैं लेकिन उनके अलावा किसी और की वजनदारी कम ही पड़ रही है. 

    हर हाल में लड़ना है

    कांग्रेस आलाकमान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस विधान परिषद चुनाव को किसी भी हालत में जीतना है. जिस तरह स्नातक चुनाव में नितिन गडकरी के गढ़ में सुनियोजित तरीके से पार्टी ने सेंध लगाई और पुरी एकजुटता दिखाते हुए जिला परिषद चुनाव में भाजपा का सफाया जिले से किया गया उसी तर्ज पर आलाकमान चाहते हैं कि स्थानीय निकाय के माध्यम से होने वाले इस विधान परिषद चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार चुनकर लाया जाए. आलाकमान ने इसके लिए भाजपा व अन्य दलों के वोटरों को किसी भी हालत में अपनी ओर करने की छूट भी देने की जानकारी मिली है. 

    दोनों मंत्रियों को दी जिम्मेदारी

    पार्टी में उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए दो दिनों से बैठकों का दौर चल रहा है. प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, पालकमंत्री नितिन राऊत और पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार की बैठकें चल रही हैं. दोनों मंत्रियों की काबिलियत को देखते हुए आलाकमान ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है कि जो वोट कम हैं उसका ‘जुगाड़’ साम-दाम-दंड की नीति से करें. सूत्र तो यह भी दावा कर रहे हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ने आलाकमान के निर्देश पर राऊत व केदार को किसी भी हालत में अपने उम्मीदवार को चुनकर लाने का टास्क दिया है जिसके चलते केदार जहां ग्रामीण भाग में अभी से वोटरों की लामबंदी के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं तो राऊत सिटी में सक्रिय होकर गणित जमा रहे हैं. 

    बीजेपी कर सकती हनीट्रैप

    राजनीति के जानकार इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि यह चुनाव लक्ष्मीदर्शन से ही आयोजित होता है. सूत्र दावा कर रहे हैं कि कुछ भाजपायी चंद्रशेखर बावनकुले को हराने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार का साथ दे सकते हैं. एक भाजपायी नगरसेवक ने तो दक्षिण नागपुर के पूर्व भाजपा विधायक और मनपा के एक तात्कालीन स्थायी समिति सभापति के साथ मिलकर नाना पटोले से भेंट की है. वह नगरसेवक कांग्रेस से उम्मीदवारी की चाहत रखता है. यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी पता चल गई है. सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि गडकरी के गढ़ में इस तरह की हरकतों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाने वाला है. भाजपा द्वारा ऐसे लोगों का हनीट्रैप करने की व्यवस्था भी की जा चुकी है.