Nagpur High Court
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    नागपुर. कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति तथा इससे निपटने में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए स्वयं संज्ञान लेकर चलाई जा रही जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने जो भी अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहता हो उसे तुरंत मंजूरी देने के आदेश जारी किए थे. हाई कोर्ट की ओर से 19 अप्रैल को आदेश तो दिए गए किंतु इसका मनपा ने पालन नहीं किया. इसका हवाला देते हुए ऑरेंज सिटी अस्पताल की ओर से याचिका दायर की गई.

    मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि 17 मई से लेकर 16 नवंबर के बीच ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अस्थायी अनुमति मनपा की ओर से दी गई. चूंकि प्लान का मसला हल नहीं हुआ है और प्लांट स्थापित करने का अंतिम दिन है. अत: संभावित कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध याचिकाकर्ता की ओर से किया गया. सुनवाई के बाद न्यायाधीश एएस चांदूरकर और न्यायाधीश जीए सानप ने अगले आदेश तक कड़ी कार्रवाई नहीं करने के आदेश मनपा को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. एसवी भूतड़ा, अधि. एमआर पिल्लई और मनपा की ओर से अधि. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की.

    मंजूरी के लिए सुधारित नक्शा पेश

    सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि मनपा की ओर से अस्थायी मंजूरी प्रदान की गई थी जिससे एक ओर जहां प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई, वहीं इमारत का सुधारित नक्शा मंजूरी के लिए प्रेषित किया गया. 27 सितंबर को नक्शा तो मंजूर किया गया किंतु इसमें कुछ खामियां भी उजागर की गईं जिससे पुन: सुधारित नक्शा मंजूरी के लिए दिया गया है जिसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है. इस संदर्भ में पुख्ता दस्तावेज प्रेषित करने के लिए समय देने का अनुरोध भी अदालत से किया गया.

    सुनवाई के बाद अदालत ने दस्तावेज प्रेषित करने के लिए 1 दिसंबर तक का समय प्रदान किया. जनहित याचिका पर अदालत की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया था कि पीड़ितों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन प्लांट की कमी देखी जा रही है. हालांकि लंबी अवधि के उपायों से ही ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है किंतु तुरंत उपायों में यदि कोई निजी अस्पताल इस तरह से ऑक्सीजन प्लांट लगाने की इच्छा दिखाता हो तो उसे तुरंत मंजूरी देने के आदेश दिए थे. 

    बिना देरी जमीन भी कराएं उपलब्ध

    एक जनहित याचिका में अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया था कि यदि कोई अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आवेदन करता है और उसके आसपास कोई सरकारी जमीन उपलब्ध हो तो अस्पतालों को वह उपलब्ध कराने के लिए तुरंत प्रक्रिया पूरी कर तथा बिना देरी बाजार मूल्य पर देने के आदेश दिए थे. यदि कोई अस्पताल एयर सेपरेशन टेक्नोलॉजी से छोटे प्लांट लगाना चाहता हो तो इसके लिए आवश्यक सभी तरह की विशेष अनुमतियां भी तुरंत उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

    याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में बताया गया कि प्रेशर स्विंग एबसार्पशन (पीएसए ऑक्सीजन प्लांट) तैयार कर लिया जिसके बाद मंजूरी के लिए मनपा के पास आवेदन किया गया किंतु अब तक मंजूरी नहीं दी गई है. अदालत के आदेशों के बावजूद मंजूरी मिलने में देरी हो रही है जिससे मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.