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    नागपुर. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी (मविआ) के कार्यकाल में नासुप्र के विरोध में आंदोलन करने पर भाजपा नेताओं के खिलाफ जानबूझकर मामले दर्ज किये गये. इससे स्पष्ट हो जाता है कि आघाड़ी सरकार के काल में सरकारी यंत्रणा का किस तरह से उपयोग किया गया. बावनकुले सहित भाजपा के विधायक व कुल 22 पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज किये गये हैं.

    कोरोना काल में भाजपा की ओर से नासुप्र के खिलाफ आंदोलन किये गये थे. शनिवार को इस पर सुनवाई हुई. गिरफ्तारी वारंट से बचने के लिए सभी नेता व पदाधिकारी न्यायालय में हाजिर हुए. पत्रकारों से चर्चा में बावनकुले ने बताया कि न्यायालय से दर्ज मामले रद्द करने की विनती की गई. 

    आघाड़ी सरकार ने ही रोके थे कार्य 

    पुणे जिले की कसबा विधानसभा उप चुनाव सीट के लिए होने वाले चुनाव में तिलक परिवार को अवसर नहीं दिया गया. इस पर बावनकुले ने कहा कि कोई नाराज नहीं है. तिलक परिवार अनेक वर्षों से भाजपा में है. वर्षभर का कार्यकाल होने से इस सीट पर चुनाव निर्विरोध होने की पार्टी की इच्छा थी. इस बारे में अजीत पवार, जयंत पाटिल, उद्धव ठाकरे से भी आग्रह किया गया था.

    पूर्व मंत्री सुनील केदार के बाद विजय वडेट्टीवार द्वारा विकास निधि रोके जाने पर कोर्ट की शरण लेने संबंधी मामले में कहा कि आघाड़ी सरकार ने हजारों करोड़ के काम रोके थे. अब अनियमितता से बचने के लिए निधि रोकी गई है. सभी योजना और खर्च की समीक्षा की जा रही है. इस बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस निर्णय लेंगे.