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    नागपुर. पिछले करीब 15 दिनों से कौतुहल का विषय बन चुके नाग नदी के मगरमच्छ को आखिरकार पकड़ लिया गया. कोल्हापुर वन्य विभाग की विशेषज्ञ टीम ने आते ही 14 घंटों के भीतर ही इसे ट्रैप कर लिया. उसे पहले सेमिनरी हिल्स स्थित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर ले जाया गया. वहां मेडिकल जांच के बाद दोपहर में तोतलाडोह में छोड़ दिया गया. इसकी लंबाई करीब 5 फीट बताई गई. 

    लगाये थे 2 ट्रैप

    मगरमच्छ नाग नदी से लगे पत्रकार कॉलोनी, महाराजबाग और मोक्षधाम रोड परिसर में पानी में देखा गया था. यह अक्सर धूप सेंकने पानी से बाहर आता था. ऐसे में मनपा ने नदी के किनारे मगरमच्छ के खतरे की चेतावनी वाले बैनर भी लगा दिये थे. कई दिनों तक नागपुर वन विभाग ने इस पर नजर रखी और पकड़ने के प्रयास किये. वन्यकर्मियों ने दूरबीनों की मदद से लगातार संभावित जगहों पर नजर रखी लेकिन मगरमच्छ नहीं दिखा. ऐसे में कोल्हापुर वन विभाग की विशेषज्ञ टीम को बुलाया गया. टीम 1 जनवरी को नागपुर पहुंची. आते ही उसने नागपुर वन विभाग के कर्मचारियों की मदद से नाग नदी के महाराजबाग परिसर से लगे में 2 ट्रैप लगा दिये.

    रात 2 बजे फंसा जाल में 

    सहायक वन संरक्षक सुरेंद्र काले ने बताया कि कोल्हापुर टीम ने शनिवार को ट्रैप लगाया था. देर रात करीब 2 बजे मगरमच्छ पकड़ा गया. वह चारा के साथ रखे पिंजरे में आया. उसे तुरंत कैद कर लिया गया. बाद में टीम के सदस्य इसे पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखने के लिए सेमिनरी हिल्स के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर ले गए. वहां डॉक्टरों ने मगरमच्छ की जांच की और उसे तोतलाडोह जलाशय में छोड़ने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया. इसके बाद मगरमच्छ को दोपहर में एक वैन में तोतलाडोह पहुंचा दिया गया.

    कोल्हापुर की टीम ने पूरा मिशन 24 घंटों के भीतर ही पूरा कर लिया. यह अभियान मुख्य वन संरक्षक (प्रादेशिक) पी. कल्याणकुमार और उप वन संरक्षक डॉ. भारत सिंह हांडा के मार्गदर्शन में टीम प्रमुख सुरेन्द्र काले, विजयकुमार गंगावने, सारिका वैरागडे, डॉ. संतोष वालवेकर, कुंदन हाते समेत वन विभाग के अन्य कर्मचारियों द्वारा पूरा किया गया.