Nag Nadi, Nagr River
फाइल फोटो

Loading

  • 1,476 करोड़ का बनाया गया था प्रोजेक्ट
  • 1,927 करोड़ की हो चुकी है अनुमानित लागत

नागपुर. नाग नदी के पुनरुज्जीवन प्रकल्प को लेकर भले ही जून-2014 में ही संकल्पना तैयार की गई हो लेकिन कई तरह के पेंच होने के कारण अब तक वास्तविक कार्य की शुरुआत नहीं हो पाई. हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने की संभावना है. मनपा आयुक्त की ओर से बजट पेश करते समय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट (पीएमसी)नियुक्ति की प्रक्रिया तेज होने की जानकारी उजागर की गई. लगभग 5 सलाहकार कम्पनियों की ओर से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) दिया है. जिसमें से जल्द ही उपयुक्त कम्पनी को चुनी जाएगी.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में 1,476 करोड़ रु. का प्रकल्प तैयार किया गया था. वर्ष 2021 में इसी प्रकल्प पर 2,117 करोड़ रु. का खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा था. वित्तीय मामलों की कमेटी द्वारा किए गए वित्तीय सुधारों के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने 1,927 करोड़ रु. के खर्च को मंजूरी प्रदान की. प्रकल्प में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और मनपा की ओर से क्रमश: 60:25:15 प्रतिशत के अनुपात में खर्च का वहन किया जाएगा. 

1,31,861 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा 

उल्लेखनीय है कि प्रकल्प के अनुसार सिटी में 500 किलोमीटर की सीवरेज लाइन नेटवर्क का नवीनीकरण किया जाएगा. इसी तरह से 1,31,861 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. बताया जाता है कि प्रकल्प पर अमल करने के लिए महानगरपालिका की ओर से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट की नियुक्ति की जाएगी. पीएमसी का पूरा खर्च केंद्र सरकार की ओर से वहन किया जाएगा. प्रकल्प की कीमत के अनुपात के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से 1,115.22 करोड़, राज्य सरकार से 507.36 करोड़ और मनपा से 304.41 करोड़ खर्च किया जाएगा.

जापान की जिका कंपनी से कर्ज लेगी केंद्र सरकार

-प्रकल्प के प्रारूप के अनुसार 1,927 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. प्रकल्प में केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत, राज्य सरकार से 25 प्रतिशत और मनपा को 15 प्रतिशत खर्च का वहन करना होगा. 

-प्रकल्प के लिए केंद्र सरकार की ओर से जापान की वित्तीय संस्था जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से 1,600 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया जाएगा. 

-प्रकल्प पर मनपा द्वारा अमल किया जाएगा. जिसके लिए नदी में छोड़े जाने वाले मलजल को रोकने, प्रक्रिया करने, मलजल प्रक्रिया केंद्र स्थापित करने जैसे कामों को अंजाम दिया जाएगा. प्रकल्प के लिए कर्ज को लेकर एग्रीमेंट होने से जल्द शुरू होने की आशा जताई जा रही है. 

-अंबाझरी तालाब से उद्गम

– नाग नदी की कुल लंबाई 68 किलोमीटर

-शहर में नदी की लंबाई 15.68 कि.मी.

-प्रकल्प के अंतर्गत 92 एमएलडी के 3 नए एसटीपी प्लांट तैयार होंगे.

-2 एसटीपी 10 एमएलडी तक अप्रग्रेड किए जाएंगे.

-प्रकल्प में 107 मेनहोल डायवर्जन होंगे.

-48.78 किलोमीटर की इंटरसेप्टर गडर होगी.  

2049 में पूरा होगा प्रकल्प

प्रकल्प के लिए तैयार किए गए डीपीआर के अनुसार उत्तर जोन में 249 किलोमीटर की सीवरेज लाइन तथा मध्य जोन मे 211.60 किलोमीटर की सीवरेज लाइन बदली जाएगी. प्रकल्प पूरा होने पर नाग नदी, बोरनाला और पीली नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है. डीपीआर के अनुसार वर्ष 2049 में प्रकल्प पूरा होने की आशा है.