Parinay Fuke, Chandrashekhar Bawankule, Sameer Meghe, Krishna Khopde and Pravin Datke

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    नागपुर. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री बनने से भले ही उनके गृह नगर व जिले में वैसा उत्साह नहीं है जैसा उनके सीएम बनने पर था लेकिन अब यह इंतजार हो रहा है कि जिले को कितने मंत्री शिंदे-फडणवीस सरकार में मिलने वाले हैं. मविआ सरकार में जिले के ऊर्जा मंत्री और पशु संवर्धन मंत्री के रूप में नितिन राऊत और सुनील केदार 2 मंत्री मिले थे. उसके पूर्व भाजपा-सेना युति सरकार में सरकार के मुखिया यानी सीएम फडणवीस थे और चंद्रशेखर बावनकुले ऊर्जा मंत्री थे. अब शहर व जिला भाजपा के साथ ही यहां के लोगों में यह उत्सुकता देखी जा रही है कि इस नई सरकार में सिटी सहित जिले को कितने मंत्री मिल सकते हैं.

    कहा तो यह जा रहा है कि फडणवीस अब नया चेहरा दे सकते हैं लेकिन वह चेहरा कौन होगा? इस पर कई तरह के कयास लग रहे हैं. यह तो सर्वविदित है कि जो जिले से मंत्री बनेगा वही यहां का पालक मंत्री होगा. कुछ कह रहे हैं कि उपमुख्यमंत्री फडणवीस ही पालक मंत्री रहें तो जिले का अधिक कल्याण होगा क्योंकि वे विकास निधि लाने में कंजूसी नहीं करते. लेकिन अगर कोई दूसरा मंत्री बना तो वे उसे यह जिम्मेदारी सौंप सकते हैं.

    इस बार भी 2 मंत्री

    कहा जा रहा है कि इस बार भी जिले को 2 मंत्री मिलेंगे. ऐसा मानने वालों का तर्क है कि रामटेक के निर्दलीय व शिवसेना समर्थक विधायक आशीष जायसवाल शिंदे गुट का समर्थन करने सीधे गुवाहाटी पहुंच गए थे. वे पहले शिवसेना से विधायक रह चुके हैं लेकिन पिछले विस चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट ही नहीं दी थी. वे निर्दलीय लड़े और चुनकर आए. उसके बाद उन्होंने मविआ सरकार में शामिल शिवसेना को अपना समर्थन दिया था. उन्हें मंत्रिपद तो नहीं मिला था लेकिन वे खनिज महामंडल के अध्यक्ष बनाए गए थे जिसे राज्यमंत्री का दर्जा होता है. अब शिंदे सरकार में उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा सरकार में शामिल भाजपा से भी एक मंत्री मिलना तय माना जा रहा है. यह नाम कौन सा होगा? यह कहना बड़ा मुश्किल बताया जा रहा है. 

    BJP से अनेक दावेदार

    शिवसेना से तो एकमात्र आशीष जायसवाल का नाम है लेकिन भाजपा से अनेक दावेदार हैं. इनमें सबसे आगे पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का बताया जा रहा है. उन्होंने इसके पूर्व मंत्रिपद पर रहते हुए अच्छा कार्य किया था लेकिन बीते विस चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व की नाराजी के चलते उनकी टिकट ऐन वक्त पर काट दी गई थी. उसके बाद उन्होंने संगठन के कार्य को बखूबी निभाया और फिर विस के स्थानीय निकाय वाली सीट पर चुनाव जीतकर विधान परिषद पहुंचे. उन्हें मंत्रिपद दिया जा सकता है लेकिन जानकारों का कहना है कि उनके बदले इस बार दूसरे विधायक को मौका दिया जा सकता है. इसमें फडणवीस के बेहद करीबी समझे जाने वाले परिणय फुके का नाम लिया जा रहा है. उनके अलावा समीर मेघे का नाम भी चल रहा है. वहीं पूर्व नागपुर के सीनियर विधायक कृष्णा खोपड़े भी कतार में हैं. वे फडणवीस और गडकरी दोनों के ही करीबी हैं. अगर पार्टी ने युवा चेहरे को सामने लाने की सोची तो प्रवीण दटके की भी लॉटरी लग सकती है.