Iron Mine

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    नागपुर. विधान परिषद में शेकाप(शेतकरी कामगार पक्ष) के जयंत पाटिल द्वारा नियम 93 के तहत उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि गड़चिरोली के सूरजागढ़ में लौह अयस्क खदान को अनुमति होने के बाद भी लायड्स मेटल्स एंड इंजीनियर्स कंपनी ने भय के चलते पूरी गति से कामकाज शुरू नहीं किया था. जब वे पालक मंत्री थे तब पुलिस चौकी उपलब्ध की.

    बीते वर्ष से खदान में तेज गति से कार्य शुरू हुआ है. करीब 5,000 स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है जिसके चलते क्षेत्र में नक्सलवाद भी कम हुआ है. उन्होंने बताया कि घोसरी में 20 हजार करोड़ की लागत से स्टील प्लांट खड़ा किया जाएगा जिसमें रोजगार का निर्माण होगा. पाटिल ने कंपनी द्वारा अब तक स्टील प्लांट खड़ा नहीं करने और खदान का कैप्टिव माइन्स का दर्जा भी खत्म होने के संदर्भ में सवाल पूछा था. उन्होंने कहा कि नैसर्गिक वन सम्पत्ति नष्ट कर कारखाना न हो और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. 

    3,525 को मिला रोजगार

    मंत्री दादा भूसे ने जानकारी दी कि वर्ष 1993 में इस प्रकल्प की शुरुआत हुई. पूरी प्रक्रिया कर लायड्स द्वारा 2008 में खदान शुरू किया गया. मगर 2021-22 से गति तेज हुई है. सभी विभागों की अनुमति के बाद ही इस खदान को शुरू किया गया है. 3,535 लोगों को वहां रोजगार मिला है. अब तक 342 करोड़ रुपये की रायल्टी सरकार को मिली है. पूरी गति से काम शुरू होने से हजारों करोड़ की रायल्टी मिलेगी.

    सदस्य आंबटकर ने कहा कि गड़चिरोली उद्योगविहीन जिला है. वहां बाहर राज्य से मजदूर आ रहे हैं इसकी जांच के लिए समिति गठित होनी चाहिए जो अध्ययन करे. भूसे ने बताया कि मजदूरों की सूची मांगी है. कंपनी अपना कुछ उद्योग शुरू करना चाहती है जिसमें 1,500 को रोजगार मिलेगा. पुलिस प्रोटेक्शन में प्रकल्प शुरू किया गया है. अभिजीत वंजारी ने भिलाई स्टील प्लांट जैसा प्लांट खड़ा करने की बात रखी. सीएम वहां दौरा करें. गांववासियों की सभा लें.