
नागपुर. राज्य सरकार ने 26 अप्रैल 2023 को महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम अंतर्गत प्राप्त अधिकार तथा महाराष्ट्र महानगरपालिका (स्थावर) सम्पत्ति किराया पट्टा नवीनीकरण या हस्तांतरण) नियम 1919 को खत्म कर उक्त नियम की धारा 456 (ए) की उपधारा 2 में दिए प्रावधानों के अनुसार नई लीज पॉलिसी घोषित की है.
नई लीज पॉलिसी पर अंतिम मुहर लगाने से पहले स्थानीय प्राधिकरणों को लोगों से आपत्ति और सुझाव देने को कहा गया है. उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मानद सचिव संदीप जोशी ने इस संदर्भ में स्थानीय लीजधारकों की बैठक ली जिसके बाद आपत्ति और सुझाव लेने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने की चिंता जताते हुए राज्य सरकार से अधिक समय बढ़ाकर मांगने के निर्देश उपायुक्त रवींद्र भेलावे को दिए.
तकनीकी वजह से नवीनीकरण में देरी
चर्चा के दौरान प्रशासन ने बताया गया कि 2019 के बाद लीज नवीनीकरण व हस्तांतरण के मामलों में कुछ तकनीकी कारणों से विलंब हुआ है. लीजधारकों का मानना था कि 13 सितंबर 2019 को लीज के संदर्भ में अधिसूचना जारी की गई थी किंतु बाद में पुन: 6 अप्रैल 2022 को परिपत्रक जारी किया गया, जबकि अब तीसरी बार सरकार ने 26 अप्रैल 2023 को अधिसूचना जारी की है. इससे बार-बार नीतियों में परिवर्तन होने के कारण लीजधारकों को सटीक न्याय नहीं मिल पाया है. चर्चा के दौरान जोशी ने कहा कि नई लीज नीति के अनुसार प्रारूप पर स्थानीय जनप्रतिनिधि व लीज धारकों की सूचनाएं प्राप्त करना जरूरी है. इसके लिए 30 दिन का समय दिया गया है जो पर्याप्त नहीं है.
सटीक मुद्दे निश्चित करे प्रशासन
जोशी ने कहा कि लीजधारकों की कई तरह की आपत्तियां हैं. निश्चित ही धारकों के लिए जटिल समस्या है. ऐसे में एक सर्वसमावेशक नीति तैयार करने की दिशा में इन सुझावों को क्रम अनुसार रखा जाना चाहिए. चर्चा के दौरान लीजधारकों तथा कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर उनसे चर्चा कर सटीक मुद्दों को निश्चित करने की हिदायत अधिकारियों को दी. देवगिरी में हुई बैठक में पूर्व उपमहापौर शेखर सावरबांधे, पूर्व पार्षद लखन सोनी, विजय होले, सुनील जाधव, अशोक कोल्हटकर आदि उपस्थित थे.