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    नागपुर. मनपा कर्मचारियों, शिक्षकों तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कई न्यायिक मांगों को लेकर राष्ट्रीय नागपुर कारपोरेशन एम्प्लाइज एसोसिएशन की ओर से कई बार आंदोलन किया गया. सांकेतिक आंदोलनों का प्रशासन पर कोई असर नहीं होने से हाल ही में संगठन के तमाम सदस्य सड़कों पर उतरे. लगातार 3 दिनों तक संविधान चौक पर श्रृंखलाबद्ध आंदोलन किया गया. आखिकार मनपा को न्यायिक मांगे पूरी करने के लिए झुकना पड़ा. शुक्रवार को प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी खड़से की ओर से 7वें वेतन का बकाया कर्मचारियों को अदा करने का आदेश जारी किया गया. अध्यक्ष सुरेन्द्र टिंगने ने बताया कि 2 दिन पहले ही मनपा आयुक्त से तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई थी. जिसमें आयुक्त की ओर से सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था.

    3 वर्षों का हो रहा नुकसान

    प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार मनपा के तमाम कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 7वां वेतन आयोग लागू करने का निर्णय लिया गया था. सुधारित वेतन आयोग लागू करने के लिए वित्त विभाग की ओर से 8 जनवरी 2021 को आदेश भी जारी किया गया था. किंतु अब राज्य सरकार की ओर से जारी आदेशों के अनुसार 1 सितंबर 2019 से लेकर 31 दिसंबर 2020 के बीच का बकाया दिया जाना है. इसका भुगतान 16 हफ्तों में देने का निर्णय लिया गया है. जिन कर्मचारियों को इसके पूर्व एक हफ्ते का भुगतान हुआ है, उन्हें दीपावली के पूर्व एक माह का अतिरिक्त भुगतान होगा. जबकि अन्य कर्मचारियों को 2 हफ्तों का बकाया दिया जाएगा. संगठन के पदाधिकारियों का मानना है कि इस तरह से कर्मचारियों का नुकसान हो रहा है. 3 वर्ष का बकाया नहीं मिलने से कर्मचारियों का भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है.

    अभी लड़ाई है बाकी

    संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि कम से कम कुछ मांगों को दीपावली के पूर्व पूरी करने का अनुरोध आयुक्त से किया गया था. जिसके अनुसार अब आयुक्त की ओर से केवल 16 माह के बकाया की राशि आवंटित की जा रही है लेकिन अन्य मांगों को लंबित ही रखा गया है. संगठन ने सरकार के फैसले के अनुसार ही उसी माह में महंगाई भत्ता लागू करने, वृद्धि के साथ परिवहन भत्ता देने, महंगाई भत्ते की बकाया राशि देने, दीपावली के पूर्व तकनीकी व प्रशासकीय संवर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति तथा रिक्त पदों को भरने की मांग भी की गई थी.

    इसके अलावा भी आंदोलन के दौरान संगठन की ओर से न्यायोचित मांगों को रखा गया था. जिसके लिए लड़ाई अभी बाकी होने की जानकारी पदाधिकारियों ने दी. संगठन के सदस्यों का इसी तरह से साथ मिला तो जल्द ही अन्य मांगे भी पूरी होने की आशा जताई. शिष्टमंडल में सुरेन्द्र टिंगने, रंजन नलोडे, भीमराव मेश्राम, अशोक खाडे, ईश्वर मेश्राम, संजय मोहले, बाबा श्रीखंडे, प्रवीण तंत्रपाडे, हेमराज शिंदेकर, अभय अप्पनकर, बलिराम शेंडे, योगेश नागे, देवानंद वाघमारे शामिल थे.