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    नागपुर. जिला परिषद की शालाओं, जलापूर्ति योजनाओं, आंगनवाड़ियों, ग्राम पंचायत भवनों आदि की बिजली बिल बकाया के चलते महावितरण द्वारा बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है. लगभग 400 के करीब जिप शालाओं की बिजली काटी जा चुकी है. इससे कई शालाओं में पंखे-लाइट शुरू नहीं होने से बच्चों व शिक्षकों को परेशानी हो रही है. वहीं कम्प्यूटर शिक्षा में भी बाधा हो रही है. आजकल डिजिटल शालाएं चल रही हैं, ऐसे में बिजली काटने से इनका संचालन मुश्किल होता जा रहा है.

    स्थायी समिति की बैठक में जिप सदस्य आतिष उमरे और संजय झाड़े ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि महावितरण की कार्रवाई से गांव-गांव में अंधेरा पसर रहा है. कोरोना के चलते ग्राम पंचायतों की आय नहीं हुई है जिसके चलते बिजली बिल तत्काल जमा करना संभव नहीं है. ऐसे में महावितरण की कार्रवाई उचित नहीं है. इस पर जिला परिषद अध्यक्ष रश्मि बर्वे ने भी ग्राम पंचायत की सीमा में महावितरण की जितनी भी सम्पत्तियां हैं उन पर टैक्स वसूलने का आदेश दिया है. 

    सर्वे कर रिपोर्ट करें तैयार

    बर्वे ने मामले को गंभीरता से लिया. उन्होंने पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्राम पंचायतों की सीमा में महावितरण के जितने भी बिजली के खंभे, ट्रांसमिसन टॉवर, उप केन्द्र की इमारत, डीपी, ट्रांसफार्मर आदि हैं उनका सर्वे कर सूची तैयार करें और उस पर ग्राम पंचायतों द्वारा टैक्स वसूलने का निर्देश दें. जिले में यह पहली बार हो रहा है कि महावितरण की कार्रवाई से परेशान जिप प्रशासन को इस तरह का आदेश दिया गया हो. 

    फसलों के नुकसान का पंचनामा

    अध्यक्ष ने जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ से हुए फसलों के नुकसान का पंचानामा तेज करने का आदेश कृषि विभाग को दिया. उन्होंने कहा कि जिप व पंस उप चुनाव की आचार संहिता के चलते नुकसान का पंचनामा नहीं हो पाया है. इसलिए अब तत्काल यह कार्य पूरा कर रिपोर्ट सरकार को भेजें. बैठक में जिले के तालाबों की नीलामी न करते हुए अवधि बढ़ाने का मुद्दा सदस्यों ने रखा जिस पर उचित कार्यवाही करने का निर्देश लघु सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता को उन्होंने दिया.