Nylon Manja
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नागपुर. नायलॉन मांजा के कारण हो रहीं घटनाओं को लेकर छपी खबरों पर स्वयं संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका का रूप में स्वीकृत किया. याचिका पर समय-समय पर आदेश भी जारी होते रहे हैं किंतु अब 2 दिन पहले नायलॉन मांजा से 10 वर्षीय बच्चे की हुई दर्दनाक मृत्यु को लेकर छपी खबर पर फिर हाई कोर्ट का ध्यानाकर्षित किया गया. इस पर हाई कोर्ट द्वारा कड़ा रुख अपनाते ही प्रशासन हरकत में आ गया. सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान बताया गया कि पीड़ित परिवार को 1.50 लाख का मुआवजा दिया गया है. राजीव गांधी छात्र दुर्घटना वेलफेयर योजना के तहत इस निधि का आवंटन किया गया है. सुनवाई के बाद अदालत ने जिलाधिकारी द्वारा की गई पहल की सराहना भी की गई. अदालत मित्र के रूप में अधि. डीवी चौहान और मनपा की ओर से अधि. जैमिनी कासट ने पैरवी की.

    मनपा ने की पब्लिक अपील

    मनपा की ओर से दायर हलफनामा में बताया गया कि जिन लोगों के पास नायलॉन मांजा बचा हुआ है, उसे 7 दिनों के भीतर नष्ट करने की जन अपील मनपा ने की है. यहां तक कि स्थानीय अखबारों में भी इस संदर्भ में पब्लिक नोटिस जारी किया गया है. नायलॉन मांजा को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में मनपा द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. मनपा की अपील का क्या असर हुआ है? इसकी जानकारी देने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध अदालत से किया गया. 

    सतर्क हो जाएं अधिकारी

    अदालत ने आदेश में कहा कि गणतंत्र दिवस के बाद से लगातार कुछ छुट्टियां आ रही हैं. ऐसे में पतंग का अधिक खेल होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. अत: नायलॉन मांजा के उपयोग को लेकर अधिकारियों को सतर्क होने की हिदायत अदालत ने दी. अदालत ने स्पष्ट कहा कि नायलॉन मांजा से कोई दुर्घटना न हो, इसका ध्यान रखना होगा. अदालत मित्र ने कहा कि दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने 10 जनवरी 2017 को नायलॉन मांजा पर प्रतिबंध के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है. राज्य सरकार भी इसी तर्ज पर नोटिफिकेशन जारी करे. साथ ही नोटिफिकेशन में किए गए प्रावधान को कड़ाई से लागू करने के आदेश सरकार को देने का अनुरोध अदालत से किया गया.