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    नागपुर. स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद अब इस वर्ग के लिए प्रभागों में सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार शुक्रवार की सुबह 11 बजे महल स्थित नगर भवन में ओबीसी सीटों के लिए आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी. इसके चलते न केवल नये इच्छुकों बल्कि दिग्गजों की भी नींद उड़ गई है.

    माना जा रहा है कि इसके पूर्व अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण निर्धारित होने के बाद बची सीटें सभी के लिए खुली रह गई थीं जिस पर न केवल सामान्य वर्ग बल्कि ओबीसी वर्ग के इच्छुक भी लड़ सकते थे किंतु अब ओबीसी आरक्षण ही निर्धारित होने से इन सीटों पर किसी भी ओपन वर्ग का प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकेगा. साथ ही यदि ओबीसी वर्ग में महिला के लिए सीट आरक्षित हुई तो वहां पहले से प्रस्थापित ओबीसी नेता की सीट भी खतरे में पड़ जाएगी. यही कारण है कि इच्छुकों और स्थानीय नेताओं को दिन में तारे नजर आने लगे हैं.

    सर्वसाधारण महिला वर्ग के लिए भी ड्रॉ 

    जानकारों के अनुसार इसके पूर्व में निपटाई गई चुनाव प्रक्रिया में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिला वर्ग के लिए आरक्षण ड्रॉ निकाला गया था. जिसके अनुसार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कुल 31 सीटों में से 16 सीटें इस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी. इसी तरह अनुसूचित जनजाति वर्ग में 12 सीटों में से 6 सीटें महिला वर्ग के लिए आरक्षित की गई थीं, जबकि बची 113 सर्वसाधारण सीटों में से 56 सीटें सर्वसाधारण महिला वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई थीं जिसके लिए प्रभाग भी सुनिश्चित हो गए थे. किंतु अब ओबीसी महिला के साथ ही सर्वसाधारण महिला वर्ग के लिए भी आरक्षण तय किया जाना है. चूंकि सर्वसाधारण महिला वर्ग के लिए नये सिरे से आरक्षण होने जा रहा है, अत: इसके पूर्व आरक्षित सीटों का पूरा चित्र ही बदल जाएगा. 

    30 प्रभागों का बदलेगा समीकरण

    जानकारों के अनुसार महिला वर्ग के लिए छोड़ी गईं 56 सीटों में से अब ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी. इसी तरह से सर्वसाधारण महिला वर्ग के लिए भी आरक्षण होगा. जानकारों के अनुसार 22 प्रभागों में तो एक सीट महिला के लिए पहले से आरक्षित रखी गई है जिससे अब कुल 52 प्रभागों में से बचे 30 प्रभागों के लिए पुन: आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी. इन्हीं 30 प्रभागों के पुन: समीकरण बदलने के कारण कई इच्छुकों की धड़कनें अभी से बढ़ गई है. यहां तक कि ओबीसी आरक्षण निर्धारित होने के कारण अब ऐसी सीटों पर सर्वसाधारण वर्ग की दावेदारी नहीं हो सकेगी.