Old Bhandara Road

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    • 2017 में हाई कोर्ट ने रोड बनाने का दिया था निर्देश
    • 5 वर्ष बीत गए, काम नहीं हुआ शुरू
    • 158 प्रापर्टी को हटाने में कोई अड़चन नहीं

    नागपुर. वर्ष 2000 में सिटी के 45 डीपी रोड मंजूर हुए थे लेकिन उसमें से पुराना भंडारा रोड 23 वर्ष बीत जाने के बाद भी जैसा का वैसा बना हुआ है. रोड के चौड़ाईकरण और सीमेंटीकरण के लिए सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. बाधित प्रापर्टी का मोजमाप हो चुका है. कुछ प्रापर्टी का तो मुआवजा भी दिया जा चुका है लेकिन शेष प्रापर्टी के मुआवजा की रकम के लिए मामला लटका हुआ है. इस रोड की किस्मत तो हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी नहीं पलटी है. 19 जुलाई 2017 को हाई कोर्ट ने मध्य नागपुर विकास आघाड़ी के भूषण दड़वे और रविन्द्र पैगवार की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद मनपा आयुक्त को 3 महीने में काम शुरू करने के निर्देश दिये.

    अगले महीने हाई कोर्ट के उक्त आदेश को 5 वर्ष पूरे हो जाएंगे लेकिन इतने वर्षों तक मनपा की सत्ता में बैठने वाले पदाधिकारी और अधिकारियों ने काम शुरू नहीं किया. अब याचिकाकर्ता मनपा आयुक्त व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दाखिल करने वाले हैं. दड़वे ने बताया कि वर्षों से इस रोड के विकास के लिए केवल आश्वासनों की घूंटी ही पिलाई जा रही है. निजी स्वार्थ के चलते कुछ राजनीतिक लोग टालमटोल का रवैया अपनाए हुए हैं. अब कटेंम ऑफ कोर्ट का मामला दाखिल करेंगे. 

    158 प्रापर्टी में कोई दिक्कत नहीं

    मेयो हॉस्पिटल से सुनील होटल तक ढाई किमी लंबे इस रोड के चौड़ाईकरण में कुल 587 प्रापर्टी के कुछ हिस्से आ रहे हैं. जिसमें 117 प्रापर्टी तो मनपा, एनआईटी और राज्य सरकार की मालिकी की है. वहीं 41 बाधित प्रापर्टीधारकों को मनपा ने 23.09 करोड़ रुपये देकर कब्जा पत्र व रजिस्ट्री कर ली. इन 158 प्रापर्टी के अधिग्रहण में तो कोई अड़चन ही नहीं है लेकिन फिर भी टालमटोल किया जा रहा है.

    मनपा के तात्कालीन सत्ताधारी शेष प्रापर्टी के मुआवजा के लिए राज्य सरकार से निधि नहीं मिलने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. दड़वे ने बताया कि इस रोड का टेंडर निकल गया और काम का ठेका केलीबाग रोड के ठेकेदार कंपनी को मिला है. 18 महीने की कालावधि है लेकिन दुर्भाग्य है कि काम शुरू नहीं हुआ है.

    तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने 17 फरवरी 2020 को नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को 5 सड़कों के विकास के लिए महाराष्ट्र सुवर्ण जयंती नगरोत्थान अभियान के अंतर्गत 130 करोड़ रुपये की निधि मंजूर करने के लिए पत्र लिखा था. 28 महीने बीत गए, कितना पैसा आया इसका खुलासा होना चाहिए क्योंकि उस 5 रोड में पुराना भंडारा रोड का भी समावेश था. 

    नागरिकों की दिशाभूल न करें

    मनपा में भाजपा की 15 वर्षों से सत्ता रही. 5 वर्ष तो मुख्यमंत्री भी भाजपा के ही थे. ऐसे में तत्कालीन महापौरों ने पुराना भंडारा रोड के लिए विशेष प्रयास क्यों नहीं किया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों के घर व दूकानें इस रोड में हैं इसलिए किसी न किसी कारण के चलते इस रोड के साथ भेदभाव किया जा रहा है. दशकों से इस रोड को लटकाया गया है जबकि अनेक नये-नये रोड बना दिये गए. विद्यमान मनपा आयुक्त ने भी राज्य सरकार को उसके हिस्से की लगभग 130 करोड़ रुपयों की निधि की मांग के लिए 2-3 बार पत्र लिखा है.

    तत्कालीन महापौर ने तो साफ कर दिया था कि जब तक राज्य सरकार से मुआवजा के लिए निधि नहीं मिलती इस रोड का काम शुरू ही नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया है कि जिन 158 प्रापर्टी के अधिग्रहण में कोई दिक्कत ही नहीं उसे तोड़ने का कार्य शुरू क्यों नहीं किया जा रहा है. केलीबाग रोड में भी पहले काम शुरू किया और बाद में मुआवजा दिया जा रहा है. अभी भी कुछ मामले लटके हुए हैं. पुराना भंडारा रोड का काम भी शुरू किया जाना चाहिए.