Nagpur Airport

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    नागपुर. कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के लगातार मिलते जा रहे पॉजिटिव मामलों को देखते हुए अब एयरपोर्ट से आने वाले यात्रियों को लेकर कुछ सख्ती के आदेश मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने सोमवार को जारी किए. आयुक्त ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने  अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के यात्रियों को लेकर कुछ निर्देश दिए हैं. इनके अनुसार दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और जिम्बाब्वे हाई-रिस्क देश घोषित किए गए हैं. ओमिक्रॉन वायरस के मद्देनजर इन देशों से होकर आ रहे हवाई यात्रियों को भी हाई-रिस्क माना जा रहा है. ऐसे यात्रियों को लेकर कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं. एयरपोर्ट पर अलर्ट रहने के आदेश भी जारी किए गए. 

    हाई-रिस्क यात्री को 7 दिनों का क्वारंटाइन जरूरी

    आयुक्त द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार उक्त देशों से होकर आए किसी भी यात्री के लिए एयरपोर्ट पर अलग से स्क्रीनिंग और जांच के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था होगी. एयरपोर्ट पर पहुंचते ही इन यात्रियों को तुरंत आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा. इन यात्रियों को अनिवार्य रूप से 7 दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन रहना होगा. 7 दिनों बाद पुन: इन इनका आरटी-पीसीआर टेस्ट होगा. यदि आरटी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव पाया गया तो कोविड के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. यदि 7वें दिन की आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आता है तो यात्री को बाद के 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन रहना होगा. 

    अन्य यात्री इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन नहीं

    उक्त हाई रिस्क देशों के अलावा अन्य अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भी एयरपोर्ट पर आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी तो होगा लेकिन उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा. ऐसे यात्रियों का पता, वाहन और मोबाइल  नंबर लेने के बाद होम क्वारंटाइन के लिए जाने की इजाजत दी जाएगी. यदि आरटी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है तो ऐसे हाई-रिस्क यात्री को उपचार के लिए अस्पताल भर्ती कराया जाएगा. होम क्वारंटाइन यात्री को 7वें दिन आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा. यदि यह टेस्ट निगेटिव आती है तो उसे बाहर निकलने की इजाजत दी जाएगी. 

    घरेलू उड़ान के लिए प्रमाणपत्र जरूरी

    आयुक्त की ओर से जारी किए गए आदेशों के अनुसार घरेलू उड़ानों के लिए एक तो यात्री के पास वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र या फिर 72 घंटों के भीतर की आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव होने का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा. 15 दिनों में आए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सफर को लेकर इमीग्रेशन विभाग की ओर से जानकारी खंगाली जाएगी. यदि गलत जानकारी उजागर हुई हो तो कानून के अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जोनल मेडिकल टीम की ओर से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाएगी.