Omicron

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    नागपुर. सिटी में कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है. साथ ही उससे निपटने के लिए उपाय योजनाएं भी तेजी से की जा रही हैं. गुरुवार को सिटी में एक ओमिक्रॉन बाधित मरीज मिला है जो दुबई से आया है. इस संदर्भ में विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे वर्मा द्वारा लगभग रोज ही अलग-अलग टीमों के साथ बैठकें लेकर महामारी से निपटने की रणनीति तैयार की जा रही है.

    उन्होंने बाल रोग विशेषज्ञों के टीम की बैठक ली और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के चलते बच्चों के उपचार के लिए पूरी यंत्रणा को तैयार रहने के निर्देश दिए. उन्होंने अस्पतालों में बाधित बच्चों के लिए बेड आरक्षित रखने का निर्देश भी दिया है.

    पीडियाट्रिक टास्‍क फोर्स की बैठक में सदस्यों ने भी विविध मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में जिलाधिकारी विमला आर., मनपा अपर आयुक्त राम जोशी, मेडिकल डीन डॉ. सुधीर गुप्ता, स्वास्थ्य उप संचालक डॉ. संजय जयस्वाल, डीएचओ डॉ. दीपक सेलोकर, डॉ. उदय बोधनकर, डॉ. कुश झुनझुनवाला, डॉ. सायरा मर्चंट, मेयो के डॉ. सीएम बोकड़े, डागा अस्पताल की डॉ. विनीता जैन, डॉ. कृष्णा सिरमनवार उपस्थित थे.

    1 प्रश बच्चों को करना पड़ सकता है भर्ती

    कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रॉन से बाधितों में 1 प्रतिशत बच्चे भी हो सकते हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है, यह अनुमान विशेषज्ञों ने जताया है. इसी आधार पर बच्चों के उपचार के लिए सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड आरक्षित रखने का निर्देश उन्होंने दिया. पर्याप्त दवाइयां, अन्य आवश्यक सामग्री स्टाफ सज्ज रखना जरूरी है.

    इसलिए संबंधित यंत्रणा के साथ समन्वय कर नियोजन करने का निर्देश उन्होंने दिया. शहर में बच्चों के उपचार के लिए स्वतंत्र सुविधा की व्यवस्था करने के लिए मनपा को प्रयत्न करने को कहा गया है. इसके लिए लगने वाले स्टाफ की व्यवस्था भी करना होगा. जिलाधिकारी ने तैयारी की पूरी जानकारी बैठक में दी. बच्चों के लिए यूनिवर्सिटी इमारत में स्वतंत्र सुविधा निर्माण करने की जानकारी अपर आयुक्त जोशी ने दी.