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    नागपुर. अनेक वर्षों से विविध मांगों पर सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से नाराज गैर कृषि विश्वविद्यालय और संलग्नित महाविद्यालयों के कर्मचारी-अधिकारियों ने 22 नवंबर को एक दिवसीय राज्य स्तरीय हड़ताल का निर्णय लिया है. इस संबंध में महाराष्ट्र राज्य महाविद्यालयीन व विद्यापीठीय सेवक कृति समिति के अध्यक्ष प्रवीण गोतमारे ने बताया कि उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के पास पिछले 3 वर्षों से विविध मांगे प्रलंबित हैं. बार-बार फॉलोअप करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि कर्मचारियों में नाराजगी का माहौल है.

    सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी. इसके बाद भी मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी. संगठन की प्रमुख मांगों में राज्य वेतन सुधारना समिति की सिफारिश के अनुसार सेवांतर्गत आश्वासित प्रगति योजना लागू करने, शासकीय कर्मचारियों की तरह ही विवि कर्मियों को 5 दिन का सप्ताह लागू करने, 796 कर्मचारियों को सुधारित वेतन संरचना हेतु शासन निर्णय जारी करने, 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने, गोंडवाना विवि के कर्मचारियों को नक्सलग्रस्त भाग के शासकीय कर्मचारियों की तरह ही एक स्तर पदोन्नति देने,एडहॉक प्रमोशन वालों को पदोन्नति वाले पद का निवृत्ति वेतन देने आदि मांगे की गई है.