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    नागपुर. दो दिन पूर्व जिला नियोजन समिति की कार्यकारी समिति की बैठक विधायक चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में हुई जिसमें निधि विधानसभा क्षेत्रनिहाय विधायकों को देने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय को जिला परिषद के अधिकारों का हनन बताते हुए सत्ताधारियों में रोष देखा जा रहा है. जिप में सत्तापक्ष नेता अवंतिका लेकूरवाले ने मांग की कि निधि का वितरण तहसीलनिहाय यानी पंचायत समिति निहाय होना चाहिए.

    डीपीसी की कुछ निधि जिला परिषद के माध्यम से खर्च की जाती है लेकिन उक्त निर्णय से यह विधायकों के माध्यम से खर्च की जाएगी. यह एक प्रकार से जिला परिषद के अधिकार को कम करना है. इसके साथ ही उन्होंने नियत व्यय बढ़ाने या स्पील को नहीं काटने की मांग भी सरकार से की ताकि पर्याप्त निधि जिले के विकास के लिए उपलब्ध हो सके.

    1 महीने में कैसे होगा खर्च

    राज्य में सत्ता बदलते ही नई सरकार ने डीपीसी के सारे मंजूर कार्यों पर रोक लगा दी थी. यह कहा गया था कि जिलों के नये पालक मंत्री पहले सभी प्रस्तावों का अध्ययन करेंगे और उनकी अनुमति से प्रस्ताव मंजूर किये जाएंगे लेकिन बीते 6-7 महीने में पालक मंत्री ने कोई निर्णय नहीं लिया और सारे खर्च पर स्थगन लगा दिया.

    जानकारी के अनुसार बुधवार को बावनकुले की अध्यक्षता में हुई डीपीसी की बैठक में पहले निधि विधायकों के माध्यम से खर्च करने का निश्चित किया गया था लेकिन फिर उसमें बदलाव कर उसे विधानसभा क्षेत्रनिहाय वितरण का निर्णय लिया गया. कहा जा रहा है कि इस निर्णय के चलते खर्च तो विधायकों के माध्यम से ही होगा. इसे जिला परिषद के पदाधिकारी अधिकारों का हनन बता रहे हैं. लेकूरवाले ने कहा कि कानून में ऐसा प्रावधान नहीं है और अगर ऐसा हुआ तो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे.