Nagpur High Court
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नागपुर. बोर्ड परीक्षा के दौरान 12वीं कक्षा के 3 मार्च 2023 को होने वाले पेपर को लेकर लीक किए जाने के मामले में पुलिस ने महाराष्ट्र प्रिवेंशन आफ मालप्रैक्टिस एट यूनिवर्सिटी, बोर्ड एंड अदर स्पेसिफिक एग्जामिनेशन एक्ट 1982 के तहत और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया. इस मामले में जमानत के लिए अंकुश चव्हाण ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल पानसरे ने सबूतों के साथ छेड़छाड न करने और अन्य कड़ी शर्तों के आधार पर उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. राजेन्द्र डागा और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एसएम घोडेस्वार ने पैरवी की. अदालत ने मोबाइल नंबर संबंधित कोर्ट और जांच अधिकारी को देने, साथ ही मामले का निपटारा होने तक नंबर नहीं बदलने के कड़े आदेश भी दिए.

वाट्सअप पर वायरल किया था पेपर

अभियोजन पक्ष के अनुसार याचिकाकर्ता और उसके साथियों ने ‘खुफिया’ और ‘बिंदास्त गर्ल’ नाम से वाट्सअप पर 2 ग्रुप बनाए थे जिस पर 12वीं का पेपर वायरल कर दिया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार डॉ. झाकिर हुसैन जूनियर कॉलेज के प्राचार्य अब्दुल अकील परीक्षा के कंडक्टर थे, जबकि याचिकाकर्ता डिप्टी कंडक्टर था. गोपाल शिंदे की पत्नी कॉलेज में गणित की टीचर थी. प्राचार्य अकील ने मोबाइल से पेपर की फोटो लेकर गजानन अडे को भेज दी थी. गजानन अडे ने इसे गोपाल शिंदे को भेजा था. गोपाल शिंदे भी शिक्षक था किंतु वह अन्य स्कूल में पढ़ाता था. गोपाल ने ही इन वाट्सअप ग्रुप पर पेपर वायरल किया था. गोपाल का एक मित्र दानिश पेपर मिलते ही गोपाल के घर गया था जहां उसकी पत्नी की मदद से प्रश्नों के उत्तर तैयार किए. उत्तर के साथ पेपर को संबंधित वाट्सअप ग्रुप पर डाल दिया था.

छात्रों को नहीं हुई मदद

दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने कहा कि दस्तावेजों और सबूतों के अनुसार सुबह 10.15 बजे पेपर लीक हुआ, जबकि परीक्षा 11 बजे थी. ऐसे में 10.30 बजे ही छात्र परीक्षा केंद्र के भीतर चले गए थे. यहां तक कि प्रवेश के समय ही इनविजिलेटर के पास छात्रों द्वारा मोबाइल जमा किया गया. 10.30 बजे के दौरान उत्तर के साथ पेपर मोबाइल पर वायरल किए जाने का आरोप है. भले ही 11 बजे के पहले पेपर लीक होने के आरोप हो लेकिन वास्तविक रूप में छात्रों को कथित पेपर लीक होने का कोई लाभ नहीं हुआ. अधि. डागा ने कहा कि महाराष्ट्र बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने स्पष्ट किया कि पेपर लीक नहीं हुआ है जिससे पुन: परीक्षा नहीं होने की भी घोषणा की गई थी. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.