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    नागपुर. एक वर्ष पहले सिटी में कोरोना, डेंगू, स्वाइन फ्लू का संकट बना रहा. फिलहाल तीनों संक्रमण नियंत्रण में हैं लेकिन अब वर्ष के अंत में सारी (सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन) एक बार फिर अपना असर दिखा रहा है. मेडिकल में सारी बीमारी के मरीजों के लिए स्वतंत्र वार्ड तैयार किया गया है. इन दिनों 7 से 8 सारी के मरीज भर्ती हैं.

    कोरोना के दौरान ही 2020-21 में मेडिकल में 4000 सारी के मरीजों का इलाज किया गया था जबकि 500 सारी पीड़ित मरीजों की मृत्यु भी हुई थी. सारी का प्रभाव कम होने से बाद जिले में कोरोना और डेंगू का हमला शुरू हुआ. इसके बाद स्क्रब टाइफस के मरीज भर्ती हुये. कोरोना के साथ ही अन्य संक्रामक बीमारियों के भी मरीज कम होने लगे लेकिन एक बार फिर सारी के लक्षण वाले मरीज देखने को मिल रहे हैं. मेडिकल में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. बीमारी संक्रामक होने और तेजी से फैलने के कारण मेडिकल में स्वतंत्र वार्ड तैयार किया गया है. एक ही समय में 7-8 मरीज मिलने से सतर्कता के संकेत मिल गये हैं. सभी मरीज जिले भर के हैं. यानी मरीजों का प्राथमिक इलाज ग्रामीण अस्पतालों में हुआ होगा. इसके बाद ही मेडिकल में आये होंगे लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और महानगर पालिका द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है.  

    सामान्य सर्दी, जुकाम जैसे लक्षण

    सारी के लक्षण आमतौर पर ठंड के सीजन में होने वाली सामान्य सर्दी, जुकाम जैसे ही होते हैं. इसमें अचानक भारी सर्दी होना, जुकाम आना और कई बार तेज जुकाम अधिक समय तक रहना, न्यूमोनिया में तब्दील हो जाना, श्वास लेते समय सीने में दर्द होना, रक्त शुद्धीकरण क्षमता कम होना है. यदि सर्दी और जुकाम अधिक दिनों तक रहे तो विशेषज्ञों की सलाह लेना आवश्यक है. मनमर्जी की दवाई लेना उचित नहीं है. 

    सारी और कोरोना बीमारी के लक्षण लगभग समान ही हैं. इसमें मरीज को कमजोरी ज्यादा होती है. सारी के मरीजों के लिए मेडिकल में स्वतंत्र वॉर्ड तैयार किया गया है. योग्य और समय पर उपचार होने से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.

    – डॉ. प्रशांत पाटिल, मेडिकल.