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    नागपुर. जिला परिषद के पारशिवनी पंचायत समिति में शिक्षा विभाग में हुए पौने तीन करोड़ रुपयों के पेंशन घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता नेवारे की प्रापर्टी जब्त करने की कार्रवाई की प्रक्रिया पुलिस ने शुरू की है. विभाग के मृत पेंशन धारकों का पेंशन अकाउंट बंद करने की बजाय अपने खुद के रिश्तेदारों, मित्रों के अकाउंट में हर महीने लगभग 5 लाख रुपये फर्जी तरीके से ट्रांसफर करने वाली कनिष्ठ लिपिका नेवारे, लेखाधिकारी खैरकर सहित पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

    पुलिस जांच में और भी आरोपियों का नंबर आने की संभावना बताई जा रही है. पुलिस ने अब तक नेवारे के घर से सोने के गहने, फर्नीचर, ट्रक, स्कार्पियो सहित करीब 70 लाख का माल जब्त किया है. उसका मकान जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है. मकान की कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है. 

    बेटी के अकाउंट से भी रकम जब्त

    नेवारे ने अपनी बेटी के बैंक खाते में भी 2.30 लाख रुपये ट्रांसफर किये थे जिसे जब्त कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने पेंशन घोटाले के संदर्भ में 24 अधिकारियों, कर्मचारियों का बयान लिया है. जांच के घेरे में 6 बीडीओ भी हैं और गट शिक्षाधिकारी से भी पूछताछ की गई है. बताते चलें कि जब पेंशन घोटाला उजागर हुआ था तब पंचायत समिति स्तर पर हुई प्राथमिक जांच में कनिष्ठ लिपिक द्वारा 17 बोगस बैंक खातों में मृत पेंशन धारकों के पेंशन की रकम ट्रांसफर करने का खुलासा हुआ था. उसके बाद तत्कालीन जिप सीईओ योगेश कुंभेजकर ने 3 सदस्यीय जांच समिति बनाकर विभागीय जांच भी शुरू कर दी थी.

    पुलिस की जांच में और 13 बोगस बैंक खातों का पता चला और बोगस खातों की संख्या 30 हो गई. कहा जा रहा है कि इसकी संख्या और बढ़ा सकती है. योगेश कुंभेजकर के बाद आईं नई सीईओ सौम्या शर्मा ने इस तरह के घोटाले आगे न हों इसलिए सभी 13 तहसीलों में पेंशन वितरण की स्थिति का लोकल ऑडिट करने का निर्देश दिया था. जानकारी के अनुसार ऑडिट रिपोर्ट भी आ गई है.