RTMNU, nagpur University

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    • 555 कुल मंजूर पद  
    • 330 पद हैं खाली 
    • 243 प्राध्यापक चाहिए 
    • 103 ही मौजूद हैं
    • 62 पद LIT में मंजूर
    • 24 अब भी खाली 

    नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. विवि ने इसी वर्ष अपने 44 स्नातकोत्तर शैक्षणिक विभागों को  स्वायत्तता का दर्जा प्रदान किया है. स्वायत्तता मिलने से अब विभाग अपनी परीक्षा के साथ ही पाठ्यक्रम को समय-समय पर अपडेट कर सकेंगे, हालांकि इससे गुणवत्ता तो बढ़ेगी लेकिन मैन पॉवर की कमी के कारण अनेक चुनौतियां भी आएगी. अनेक विभागों में नियमित प्राध्यापकों की संख्या उंगली पर गिनने लायक है. अंशकालीन प्राध्यापकों के भरोसे विभाग चलाए जा रहे हैं. यही वजह है कि विवि के निर्णय पर ही सवाल उठने लगे हैं.

    विवि के शताब्दी महोत्सव की शुरुआत 4 अगस्त से हो रही है. इस दौरान वर्षभर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. विवि ने शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भी योजना बनाई है. विवि ने इस सत्र से नई शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय लिया है. पीजी विभागों को स्वायत्तता अच्छी कदम है लेकिन प्राध्यापकों की कमी गंभीर चुनौती बनेगी.

    रिक्त पद भरने के लिए एक ओर जहां सरकार गंभीर नहीं है, वहीं दूसरी ओर विवि प्रशासन के प्रयास भी नाकाफी है. विवि की शान माने जाने वाले लक्ष्मीनारायण तकनीकी संस्था (एलआईटी) के स्वायत्तता का मामला अब तक अटका हुआ है. हालांकि पिछले दिनों नैक द्वारा मूल्यांकन तो किया गया लेकिन प्राध्यापकों की कमी कई वर्षों से विकास के राह में रोड़ा बनी हुई है.

    कुछ विभागों में नियमित प्राध्यापक ही नहीं 

    विवि में कुल मंजूर 555 पदों में से 330 पद रिक्त हैं. प्राध्यापकों के 243 मंजूर पद हैं. इनमें केवल 103 पद ही भरे हुये हैं. औषधिशास्त्र विभाग में 23 में से 11, बैरि. शेषराव वानखेडे बी.एड. महाविद्यालय में 21 में से 14, भाषा शास्त्र विभाग में 10 में से केवल 1 नियमित प्राध्यपक है. संस्कृत, पाली व प्राकृत, समाजशास्त्र, तत्वज्ञान, मायक्रोबायोलॉजी, सांख्यिकीशास्त्र, गांधी विचारधारा, फाइन आर्ट्स विभाग में एकमात्र प्राध्यापक है.

    वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्प्यूटर साइंस विभाग में कोई भी नियमित प्राध्यापक नहीं है. यदि कर्मचारियों व अधिकारियों की बात करें तो गट अ में 60 में से 45 पद, गट ब में 52 में से 37 पद , गट क में 476 पदों में 206 व गट ड में 276 पदों में से 42 पद खाली है. एलआईटी में मंजूर 62 पदों में से केवल 38 पदों पर नियुक्तियां पूरी हुई हैं. अब भी 24 पद खाली हैं.