Sandeep Joshi, Garbage

  • कार्यकारी महापौर संदीप जोशी ने दी चेतावनी

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नागपुर. शहर को कचरामुक्त करने की दिशा में घरों से कचरा संकलन करने के लिए मनपा की ओर से पहले कनक रिसोर्सेस कम्पनी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कम्पनी का काम संतोषजनक नहीं होने के कारण उसे बदलकर हाल ही में अलग-अलग एजी एन्वायरो और बीवीजी नामक कम्पनी को ठेका दिया गया. इन कम्पनियों की कार्यप्रणाली पर भी शुरुआत से ही पक्ष-विपक्ष के पार्षदों की ओर से नाराजगी जताई जा रही है. यहां तक कि हाल ही में स्वास्थ्य समिति सभापति वीरेन्द्र कुकरेजा ने भी आपत्ति जताई. अब महापौर संदीप जोशी की ओर से एक दिन पहले ही भले ही इस्तीफा दिया गया हो, लेकिन जहां-तहां कचरे के ढेर होने का हवाला देकर उन्होंने तुरंत कचरा उठाने के कड़े निर्देश अधिकारियों को जारी किए. कचरा नहीं उठाए जाने पर अधिकारियों पर जुर्माना ठोकने की चेतावनी भी दी.

प्रशासन पर बिफरे

उन्होंने कहा कि शहर के विकास की दृष्टि से 10 जोन को 2 हिस्सों में बांटकर बीवीजी और एजी एनवायरो नामक कम्पनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे स्वच्छता का कार्य जोनल स्तर पर अच्छी तरह से होने की आशा है. किंतु शहर के अनेक हिस्सों में कचरे के ढेर पड़े पाए जा रहे हैं. उचित पद्धति से कचरा संकलन और उसका व्यवस्थापन करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है. शहर में कहीं भी कचरा न रहे, इसके लिए सभी ट्रांसफर स्टेशन बंद किए गए. कचरा संकलित करने के बाद छोटे वाहनों से कचरा सीधे बड़े वाहनों में लादकर प्रक्रिया के लिए भेजने की पद्धति से काम हो रहा है. इसके बावजूद कहीं स्थानों पर कचरा घर बन रहे है. प्रशासन की उदासीनता के चलते ही यह हो रहा है. अत: कामचोरी छोड़कर प्रामाणिकता से काम करना जरूरी है. संबंधित अधिकारी स्वयं की जिम्मेदारी पहचान कर तुरंत कार्य करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी. 

अब कम्पनी पर कसी जाएगी नकेल

जानकारों के अनुसार भले ही संदीप जोशी द्वारा इस्तीफा दिया गया हो, लेकिन नये महापौर के चुनाव तक कार्यकारी महापौर के रूप में उनका कार्यकाल जारी है. अत: महापौर द्वारा दी गई चेतावनी के अनुसार अधिकारियों पर किसी भी समय गाज गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. कचरा संकलन करने की जिम्मेदारी दोनों कम्पनियों की है. चूंकि घरों से पूरा कचरा संकलित नहीं किया जाता है, यही कारण है कि लोग बाद में कहीं भी कचरा फेंक रहे हैं. निश्चित ही कम्पनी की ओर से जिम्मेदारी नहीं निभाई जा रही है, जिसका खामियाजा अधिकारियों को भुगतना पड़ सकता है. अत: निकट भविष्य में कम्पनी की बेतरतीब कार्यप्रणाली पर नकेल कसी जाने की आशा जताई जा रही है.