Governor Bhagat Singh Koshyari

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    नागपुर. आदिवासी घटकों में अपार क्षमता है. उनका उपयोग कर शाश्वत विकास साधने नियोजन करने के निर्देश राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने दिये. गोंडवाना विश्वविद्यालय गड़चिरोली व राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विवि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित उपकुलपतियों के एक दिवसीय सम्मेलन में बोल रहे थे. सम्मेलन का विषय ‘आदिवासी विकास, पूर्व निरीक्षण और आगे का मार्ग’ था. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के विकास के लिए किया जा रहा विचार मंथन प्रशंसनीय है.

    उपकुलपति देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले ज्ञान का उपयोग शाश्वत विकास में योगदान के लिए करें. आदिवासी घटकों को मुख्य प्रवाह में लाने के लिए योगदान देते वक्त आदिवासी संस्कृति, परंपरा का जतन करते हुए उन्हें तैयार करने की आवश्यकता है. उन्होंने गोंडवाना विवि में शुरू कार्यों की प्रशंसा की. आदिवासी और शिक्षण का महत्व बताया. मंच पर उपकुलगुरु सुभाष चौधरी, गोंडवाना विवि के उपकुलगुरु प्रशांत बोकारे, राज्यपाल के प्रधान सचिव संतोष कुमार, डॉ. गजानन डांगे उपस्थित थे. इस अवसर पर राज्यपाल के हाथों दिन भर चले विचार मंथन से तैयार श्वेत पत्रिका का अनावरण किया.

    श्वेत पत्रिका का किया अनावरण 

    श्वेत पत्रिका के बारे में उपकुलपति बोकारे ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आदिवासियों के अधिकार और उनका शाश्वत विकास करने के लिए उन्हें ज्ञान देना आवश्यक है. साथ ही उनके अर्थचक्र के लिए परंपरागत वनोपज एकत्रित करने, प्रकिया करने, उद्योग तैयार करने, झाड़ीपट्टी नाट्य व्यवसाय का पंजीयन करना होगा. उन्हें ज्ञान देने व प्रत्यक्ष जानकारी इकठ्ठा कर अनुसंधान रिपोर्ट व पाठ्यक्रम तैयार करने की जरूरत है. श्वेत पत्रिका में शाश्वत विकास के लिए अनेक मुद्दों का समावेश किया गया है.

    सम्मेलन में पुणे, मुंबई सहित मराठवाड़ा, नाशिक, बिलासपुर विश्वविद्यालयों के उपकुलपति व प्राध्यापकों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. प्रास्ताविक भाषण डॉ. गजानन डांगे ने दिया. संचालन डॉ. श्याम कोरेटी व आभार प्रउपकुलगरू डॉ. संजय दुधे ने माना.