नागपुर. दोपहिया, चौपहिया के साथ-साथ ऑटो, बस, ट्रकों में लगाए जा रहे मनमाने प्रेशर हार्न से पूरा शहर कानफाड़ शोर की गिरफ्त में आ गया है़ सुबह से लेकर रात तक भारी तेज आवाज के हार्न से लोगों के कानों और दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है़ यह शोर इतना अधिक होता है कि बुजुर्ग और दिल के मरीजों की दिल की धड़कन तेज हो जाती है़ स्कूलों और अस्पतालों के आसपास बाइक और कार सवार बेखौफ शोर मचाते हुए फर्राटे भर रहे हैं. इसके बावजूद वर्षों से साइलेंट जोन रिवाइज नहीं किये गये़ शहर में साइलेंट जोन तो चिन्हित किये गये हैं लेकिन इनके आसपास भी एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है़.
जानकारों की मानें तो प्रेशर हार्न व साइलेंसर के जरिए बाइकर्स 130-140 डेसिबल (तरंगों की तीव्रता का माप) तक का ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं. जो लोगों की सुनने की शक्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे सिरदर्द, ऊंचा सुनने जैसी शिकायतें बढ़ गई है़ ऑरेंज सिटी के बाजारों की तंग सड़कें हैं. जहां पर सिंगल रोड होने की वजह से दोनों ओर से छोटे व बड़े वाहन गुजरते हैं. तंग सड़के व दोनों ओर दूकानें होने के कारण वाहनों के गुजरने में जहां एक ओर वाहनों की भीड़ लगी रहती है जिसकी वजह से वाहन चालक हार्न बजाते हैं. जिससे व्यापारियों और दूकानदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है़.
दरअसल स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, न्यायालय, कलेक्टर परिसर सहित अन्य जगहों पर साइलेंस जोन चिन्हित किये गये हैं. बकायदा इन जगहों पर फलक भी लगे हैं लेकिन जब ट्रैफिक जाम हो जाये तो कोई नियमों की परवाह नहीं करता़ ताजुब की बात यह है कि आजकल के युवाओं को तो साइलेंस जोन के बारे में भी मालूम नहीं है़ इस तरह का नजारा महाराजबाग चौक से लेकर रविनगर और फुटाला कार्नर तक देखा जा सकता है़ सेमिनरी हिल्स और रामगिरी रोड सिविल लाइन्स में बाइकर्स की मस्ती कोई नई बात नहीं है.
इन स्थानों पर होता है ज्यादा शोर
– वेरायटी चौक से एलआईसी चौक
– एलआईसी चौक से रेलवे स्टेशन
-कॉटन मार्केट चौक से मानस चौक
– रहाटे कॉलोनी चौक से झांसी रानी चौक
– शंकरनगर चौक से लक्ष्मीनगर चौक
– सक्करदरा से भांडेप्लॉट चौक
– गंगाबाई घाट से टेलीफोन एक्सचेंज चौक
– समूचा सेंट्रल एवेन्यू परिसर
– महल कोतवाली से गांधी चौक
यह है हकीकत
– 0 डेसिबल तक आवाज सुन सकता है इंसान
– 25 डेसिबल तक रहता है शांत वातावरण
– 80 डेसिबल है मनुष्य के अधिकतम श्रवण शक्ति
– 80 डेसिबल तक के शोर में 8 घंटे तक रहने पर आ सकता है बहरापन