Court approves sacking of 12 Manpa employees, High Court validates Munde's decision
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    • 03 माह में तैयार करना है प्रस्ताव

    नागपुर. सम्पूर्ण देश के साथ ही विदर्भ के पर्यावरण के मूलभूत महत्व और जंगलों पर असर को लेकर उजागर हो रही जानकारी का हवाला देते हुए हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने विशेष रूप से पर्यावरणीय असंतुलन के कारण सारस पक्षियों की प्रजाति पर पड़ते असर को लेकर स्वयं संज्ञान लेकर इसे जनहित में स्वीकार किया. याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल पानसरे ने कहा कि सारस पक्षियों के संरक्षण को लेकर तैयार होने वाला प्रस्ताव हाई कोर्ट की मंजूरी के बाद ही सरकार को भेजा जाना चाहिए. 

    उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि गोंदिया जिलाधिकारी को न केवल एक जिला बल्कि जहां भी सारस पक्षियों का वजूद देखा जाता है, ऐसे आस-पास के जिलों के लिए भी प्रस्ताव तैयार करना है. सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. 

    22 हेक्टेयर जमीन है उपलब्ध

    गुरुवार को सुनवाई के दौरान कृषि विभाग की ओर से अदालत को बताया गया कि कुछ पेस्टीसाइड और इंसेक्टीसाइड के निर्माण पर पाबंदी के निर्देश अब तक नहीं मिले हैं. इसके लिए कुछ समय देने का अनुरोध अदालत से किया गया. प्रतिवादी पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि गोंदिया एयरपोर्ट के पास 22 हेक्टेयर में जलाशय फैला हुआ है.

    प्राथमिक स्तर पर यह जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपी गई थी किंतु बाद में विशेष सिक्योरिटी फोर्स कोबरा बटालियन को तैयार करने के लिए गोंदिया जिलाधिकारी को हस्तांतरित की गई. अब कोबरा बटालियन मध्य प्रदेश में स्थानांतरित हुई है. ऐसे में 22 हेक्टेयर का जलाशय अनुपयोगी है. यहां पर सारस पक्षियों को कई बार देखा गया. इस जलाशय को सारस पक्षियों के लिए चिन्हांकित किया जा सकता है. सुनवाई के बाद अदालत ने अधिकारियों को संयुक्त रूप से अवलोकन कर उचित निर्णय लेने के आदेश दिए. 

    सारस संवर्धन समिति का गठन

    सुनवाई के दौरान अधिकारियों की ओर से सारस पक्षियों की सुरक्षा से संबंधित कई परेशानियों को उजागर किया गया. कई मुद्दे अलग-अलग विभागों से संबंधित होने के कारण अदालत ने संवर्धन में होने वाली परेशानी को हल करने सारस संवर्धन समिति का गठन कर दिया. भंडारा, गोंदिया और चंद्रपुर जिले में इन समितियों का गठन होगा जहां सारस पक्षियों से संबंधित सभी शिकायतों का निवारण हो सकेगा.

    समिति में संबंधित जिले के जिलाधिकारी को अध्यक्ष, जिला परिषद सीईओ को सदस्य सचिव, जिले से पीसीसीएफ, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता, कृषि विभाग के जिला अधीक्षक और सेवा संस्था का एक सदस्य समिति के सदस्य होंगे. सारस पक्षियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए आवश्यक उपाय करते समय समिति किसी भी विभाग से सहयोग ले सकेगी. साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाकर उनकी मदद ले सकेगी.