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    नागपुर. मेडिकल की स्नातकोत्तर पढ़ाई पूरी करने के उद्देश्य से नीट (पीजी)-2022 की परीक्षा में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिलने पर डॉ. संदीप वाडवे की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश जी.ए. सानप ने याचिका के आदेश के अधीन रहकर नीट (पीजी) की प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति याचिकाकर्ता की दी. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. प्रवीण देशमुख और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील के.एल. धर्माधिकारी ने पैरवी की.

    उल्लेखनीय है कि गत समय अदालत ने तमाम प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए थे. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि 11 मार्च 2022 को स्वास्थ्य उपसंचालक के पास अनुमति के लिए आवेदन किया था लेकिन इसका जवाब नहीं मिलने पर स्मरण पत्र भेजा गया. इसके बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने से मजबूरन याचिका दायर करनी पड़ी.

    स्वास्थ्य सेवा संचालनालय भी मौन

    याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि गत वर्ष नीट (पीजी) की परीक्षा में हिस्सा लेने की अनुमति दी गई थी. लेकिन इस वर्ष स्वास्थ्य सेवा संचालनालय, मुंबई ने पूरी तरह से मौन साध लिया है. चूंकि प्रवेश प्रक्रिया को लेकर किसी तरह की जानकारी उजागर नहीं की गई, अत: याचिकाकर्ता ने स्वयं ही परीक्षा में हिस्सा ले लिया.

    नियमों के अनुसार इसके लिए विभाग की अनुमति जरूरी है. अत: अब अनुमति देने के आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया. यदि अनुमति नहीं दी गई तो 19 मार्च 2019 को राज्य सरकार द्वारा घोषित योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा. सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश में कहा कि गत समय नोटिस जारी करने के बावजूद प्रतिवादी पक्ष की ओर से कोई जवाब दायर नहीं किया गया है. अत: एक और मौका दिया जा रहा है. यदि अगली सुनवाई में भी जवाब नहीं दिया गया तो प्रतिवादी पक्ष जवाब देने प्रति इच्छुक नहीं होने की बात मानकर याचिका का निपटारा कर देगा.