नागपुर. कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति तथा इससे निपटने में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए स्वयं संज्ञान लेकर चलाई जा रही जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि जो भी अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहता हो उसे तुरंत मंजूरी दी जाए. हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल को यह आदेश दिया किंतु मनपा ने इसका पालन नहीं किया. इसलिए ऑरेंज सिटी अस्पताल की ओर से याचिका दायर की गई.
इस पर सुनवाई के दौरान अस्पताल की ओर से बताया गया कि याचिका दायर करने के बाद अब इस मामले में कई नये मोड़ आ चुके हैं. अतिरिक्त हलफनामा दायर कर इसकी जानकारी अदालत के समक्ष रखी गई किंतु याचिकाकर्ता की दलीलों की पुख्ता जानकारी लेने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध मनपा ने किया. इसके बाद न्यायाधीश एएस चांदूरकर और न्यायाधीश जीए सानप ने अस्पताल को दी गई राहत जारी रखते हुए मनपा को 4 सप्ताह का समय प्रदान किया.
मंजूरी के लिए संशोधित नक्शा पेश
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि मनपा ने अस्थायी मंजूरी प्रदान की थी जिससे एक ओर जहां प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई, वहीं इमारत का संशोधित नक्शा मंजूरी के लिए प्रेषित किया गया. 27 सितंबर को नक्शा तो मंजूर किया गया किंतु इसमें कुछ खामियां भी उजागर की गईं जिससे पुन: संशोधित नक्शा मंजूरी के लिए दिया गया है. इसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है. इस संदर्भ में पुख्ता दस्तावेज प्रेषित करने के लिए समय देने का अनुरोध भी अदालत से किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने दस्तावेज प्रेषित करने के लिए 1 दिसंबर तक का समय प्रदान किया. जनहित याचिका पर अदालत की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया था कि पीड़ितों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन प्लांट की कमी देखी जा रही है. हालांकि लंबी अवधि के उपायों से ही ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है किंतु तुरंत उपायों में यदि कोई निजी अस्पताल इस तरह से ऑक्सीजन प्लांट लगाने की इच्छा दिखाता हो तो उसे तुरंत मंजूरी दी जाए.
अविलंब जमीन भी कराएं उपलब्ध
एक जनहित याचिका में अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया था कि यदि कोई अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आवेदन करता है और उसके आसपास कोई सरकारी जमीन उपलब्ध हो तो अस्पतालों को वह उपलब्ध कराने के लिए तुरंत प्रक्रिया पूरी कर तथा बिना देर किए बाजार मूल्य पर दी जाए. यदि कोई अस्पताल एयर सेपरेशन टेक्नोलॉजी से छोटे प्लांट लगाना चाहता हो तो इसके लिए आवश्यक सभी तरह की विशेष अनुमतियां भी तुरंत दी जानी चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में बताया गया कि प्रेशर स्विंग एबसार्पशन (पीएसए ऑक्सीजन प्लांट) तैयार कर लिया जिसके बाद मंजूरी के लिए मनपा के पास आवेदन किया गया. किंतु अब तक मंजूरी नहीं दी गई है. अदालत के आदेशों के बावजूद मंजूरी मिलने में देरी हो रही है.