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    नागपुर. शिक्षक दिवस के निमित्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जिले के 20 शिक्षकों से सीधे संवाद साधा. ऑनलाइन संवाद के दौरान शिक्षकों के साथ जिलाधिकारी विपीन इटनकर, सीईओ योगेश कुंभेजकर, शिक्षा उपसंचालक डॉ. वैशाली जामदार व रविन्द्र काटोलकर भी उपस्थित थे. शिंदे ने कहा कि जमाना कितना ही बदल जाए लेकिन शिक्षकों के प्रति आदर कभी कम नहीं हो सकता. मां-बाप के बाद दुनिया में हर व्यक्ति को अपने शिक्षक जरूर याद रहते हैं.

    स्वस्थ व शिक्षित समाज व राष्ट्र के निर्माण का कार्य व ज्ञानदान से लोगों की जिंदगी गढ़ने वाले शिक्षक ही होते हैं. कोरोना काल में शिक्षकों ने ऑनलाइन शिक्षा देकर अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभाई. उन्होंने चन्द्रपुर जिले के एक शिक्षक जिन्होंने 365 दिन शाला चलाई, उनकी सराहना भी की. उमरेड तहसील के जिप शाला के शिक्षक एकनाथ पवार ने जिले में शिक्षा के विकास के लिए सरकार की कार्यप्रणाली के 100 फीसदी अमल की बात कही.

    13 आदर्श शिक्षकों का सत्कार

    जिला परिषद शालाओं के 13 आदर्श शिक्षकों का सत्कार जिला परिषद सभागृह में आयोजित सत्कार कार्यक्रम में सुनील केदार, अभिजीत वंजारी, जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे के हाथों किया गया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का समाज व राष्ट्र निर्माण में योगदान अमूल्य है. वंजारी ने तो शिक्षकों को ब्रम्हा-विष्णु-महेश की संज्ञा दी.

    बर्वे ने कहा कि बच्चों से लेकर युवकों के व्यक्तित्व गढ़ने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. शिक्षा सभापति भारती पाटिल ने कहा कि बच्चों को शिक्षा व संस्कार देकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने का कार्य शिक्षक करते हैं उन्हें उत्कृष्ट नागरिक बनाते हैं. उनका जितना सत्कार किया जाए वह कम है.