Raosaheb danve
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    नागपुर. महानगर प्रतिनिधि. रेलवे के निजीकरण से आरएसएस नाखुश है. संघ मुख्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे देश का बहुत बड़ा उपक्रम है, जिसका निजीकरण करने से देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ सकती है और उसके  दूरगामी परिणाम भाजपा को भुगतने पड़ सकते हैं. बुधवार को रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे अचानक संघ मुख्यालय पहुंचे थे. यहां किन मुद्दों पर चर्चा हुई, उसकी अधिकृत जानकारी तो नहीं दी गई है.

    लेकिन सूत्रों का कहना है कि देश की लाइफ लाइन कहे जाने वाले रेलवे के निजीकरण और उसके परिणामों को लेकर आरएसएस ने अपनी राय सरकार को बता दी है. लिहाजा संघ मुख्यालय से निकलने के बाद दानवे ने पत्रकारों से कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा है.

    इसका मौजूदा स्वरूप बरकरार रहेगा तथा इसके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होगी. उनके इस बयान के बाद रेलवे के निजीकरण को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर विराम लगने की उम्मीद है. गौरतलब है कि विपक्ष तथा रेलवे से जुड़ी संघ की मजदूर यूनियनें केंद्र सरकार पर रेलवे का निजीकरण करने का आरोप लगा रही हैं. 

    हैदराबाद स्टेशन का नाम भाग्यनगरी होगा

    रेल मंत्री दानवे ने कहा कि हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगरी किया जा रहा है तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए पुराने नामों को बदलकर नए नाम रखे गए हैं. इसलिए देश की आजादी के बाद हिंदुओं की भावनाओं का ख्याल रखते हुए पुन: नाम बदला जाता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि गांव का नाम बदला जाता है तो स्टेशन का नाम भी स्वत: बदल जाएगा. आने वाले दिनों में ट्रेनों को भी भाग्यनगरी के नाम से चलाया जाएगा. दानवे ने कहा कि भाजपा बहुत पहले से मांग कर रही है कि औरंगाबाद का नाम भी बदलकर संभाजीनगर किया जाये.

    परीक्षा घोटाले की जांच सीबीआई से हो 

    दानवे ने उद्धव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि परीक्षा घोटाला में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. इस साजिश के पीछे किन लोगों का हाथ है, उसका पता लगाने के लिए पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार को किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं उजागर किया है, बल्कि उस छात्र ने किया है, जिससे पैसा मांगा गया था.