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    नागपुर. सभी को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत प्रवेश पाने के लिए कई पालकों द्वारा बोगस तरीके से दस्तावेज तैयार करने का सिलसिला अब भी जारी है. जिले के ग्रामीण भागों में कई मामले सामने आ रहे हैं. इसी तरह का एक मामला सिटी के सटे ग्रामीण भाग का आया है.

    आस्टी के एक नामी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए कुछ पालकों द्वारा ग्राम पंचायत के सरंपच से रहवासी प्रमाण पत्र तैयार कराया, जबकि पालक ग्रामीण में रहते ही नहीं. गांव के निर्धन व जरूरतमंद छात्र प्रवेश से वंचित रह गये. इस संबंध में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ़ ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी से जांच की मांग की थी. जब मामलों की जांच बीडीओ से कराई गई तो इसमें 7 एडमिशन बोगस पाये गये.

    नियमानुसार सरंपच को रहवासी दाखिला देने का अधिकार नहीं है. इसके बाद भी अधिकार का दुरुपयोग किया गया. कमेटी ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी से सरपंच द्वारा पद का दुरुपयोग करने पर कार्रवाई और सातों प्रवेश रद्द करने की मांग की है.

    यदि गंभीरता नहीं बरती गई तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मानस व्यक्त किया है. इस संबंध में गांव के नागरिकों ने भी लिखित शिकायत की है. वहीं स्कूल की ओर से बताया गया है कि बोगस तरीके से एडमिशन लेने वाले बच्चों के पालस गांव में नहीं रहते हैं.