
नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि द्वारा 22 मई से ग्रीष्म सत्र परीक्षाएं ली जाएगी. परीक्षा से पहले केंद्रों पर समुचित व्यवस्था करने, परीक्षा के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ी नहीं होने के लिए प्र-उपकुलपति प्रा.संजय दुधे ने शुक्रवार को सभी केंद्र के प्राचार्यों व मुख्य परीक्षा पर्यवेक्षकों की कार्यशाला ली. उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा व मूल्यांकन का कार्य सबसे महत्वपूर्ण है. परीक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है. इन दिनों पारा चढ़ता जा रहा है. गर्मी ने हलाकान कर रखा है.
इस दौरान छात्रों को गर्मी से बचाने और शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा देने के सभी इंतजाम केंद्रों पर किये जाये. पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था की जाये. यदि कोई छात्र बीमार पड़ जाये तो उसे वैद्यकीय व्यवस्था उपलब्ध कराई जाये. केंद्रों पर किसी भी तरह का गैर प्रकार न हो, इसकी दक्षता लेना आवश्यक है. इस अवसर पर परीक्षा व मूल्यमापन मंडल संचालक प्रफुल्ल साबले, उपकुलसचिव नवीन मुंगले, मोतीराम तडस, डी.एस.पवार, नितिन कडबे आदि उपस्थित थे.
शीत सत्र की 922 परीक्षाओं के परिणाम घोषित
प्रा.प्रफुल्ल साबले ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया में विलंब होने से परीक्षा में भी देरी हो रही है. शीत सत्र सहित ग्रीष्म सत्र परीक्षा के बीच के अंतर कम करने प्रयास किया जा रहा है. अब तक ९२२ शीत सत्र परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो चुके हैं. फिलहाल 39 परीक्षाओं के परिणाम बाकी है. ग्रीष्म सत्र परीक्षा १3५ केंद्रों पर ली जाएगी. नागपुर और वर्धा जले में 2-2 केंद्रों की बढ़ोतरी की गई है.
ग्रीष्म सत्र परीक्षा 5 चरणों में ली जएगी. २२ मई से स्नातक की सभी अंतिम वर्ष की परीक्षा ली जाएगी. दूसरे चरण में स्नातकोत्तर की अंतिम वर्ष की 29 मई से ली जाएगी. बाद में अन्य परीक्षाएं ली जाएगी. वर्धा, भंडारा व गोंदिया में 3 संकलन केंद्रों पर उत्तर पत्रिकाएं संकलित की जाएगी. उत्तर पत्रिकाओं की देखरेख करने वालों को भी निर्देश दिये गये.
प्रश्नपत्रिका डाऊनलोड करने से लेकर उत्तरपत्रिका विवि में पहुंचाने तक के बारे में जानकारी दी गई. इस बार कुल 40 दिव्यांग छात्र परीक्षा में शामिल होंगे. उनके लिए योग्य व्यवस्था करना होगा. वहीं गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, दुर्घटना ग्रस्त विद्यार्थियों के लिए भी सुविधा उपलब्ध करना आवश्यक है.