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    नागपुर. एक ही विकास कार्य को ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया के नियमों में बिठाने के लिए टुकड़ों में बांटकर कुछ विशेष ठेकेदारों को ही लाभ पहुंचाए जाने का आरोप म्युनिसिपल कॉरपोरेशन कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय नायडू सहित कई ठेकेदार सदस्यों ने लगाया था. ठेकेदारों द्वारा ही लगाए जा रहे गंभीर आरोपों के बाद अचानक सतर्क हुई मनपा ने टेंडर की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम ठेकेदारों से चर्चा की. साथ ही प्रक्रिया पर जताए जा रहे संदेह और ठेकेदारों द्वारा व्यक्त आपत्तियों को लेकर निवारण भी किया गया. उल्लेखनीय है कि संगठन ने मनपा के स्लम विभाग को लेकर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार किए जाने को लेकर मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. के पास शिकायत दर्ज की थी.

    मुख्य अभियंता को दिए आदेश

    संगठन ने शिकायत मिलते ही मनपा आयुक्त द्वारा मुख्य अभियंता प्रदीप खवले को इस मसले की तुरंत जांच कर ठेकेदार संगठन से चर्चा करने के आदेश दिए थे. निर्देशों के अनुसार मुख्य अभियंता के कार्यालय में ठेकेदारों से चर्चा की गई. इस दौरान खवले ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया में किसी तरह का भ्रष्टाचार या धांधली का मुद्दा नहीं है. विकास कार्य से जुड़े सभी टेंडर नियमों के अनुसार दिए जा रहे हैं. तमाम मुद्दों को लेकर चली लंबी बहस के बाद संगठन के अध्यक्ष विजय नायडू ने मनपा आयुक्त से खेद व्यक्त किया. साथ ही टेंडर प्रक्रिया पर संतोष भी जताया.

    टेंडर की बजाय कोटेशन पर काम का था आरोप

    मनपा आयुक्त को दिए गए पत्र में बताया गया था कि कार्यकारी अभियंता अपनी मर्जी के ठेकेदारों को टेंडर दिलाने के लिए टेंडर की बजाय विकास कार्यों के कोटेशन बुलाकर न्यूनतम टेंडरधारक निर्धारित कर रहे हैं. इस तरह से कार्यकारी अभियंता ही ठेकेदारों की चेन बनाकर काम आवंटित कर रहे हैं. आश्चर्यजनक यह है कि इन टेंडर को टेंडर पोर्टल पर नहीं डाला जा रहा है. यहां तक कि नोटिस बोर्ड पर भी इसकी जानकारी उजागर नहीं की जा रही है. मात्र कुछ छोटे अखबारों में विज्ञापन देकर चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है. बजट में किसी काम के लिए निर्धारित निधि का टेंडर बुलाते समय इसके टुकड़े नहीं करने का निर्णय लिया गया था जिसे लेकर 12 मई 2022 को अधीक्षक अभियंता कार्यालय से अधिसूचना जारी की गई थी.