sakkardara

  • सुविधाओं में बढ़ोतरी और सड़कों को चकाचक करने की जरूरत
  • अव्यवस्था का आलम, सफाई और निर्माण की जरूरत
  • विकास की राह पर नहीं पहुंच पाया

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नागपुर. सक्करदरा क्षेत्र तमाम तरह की सुविधाओं के बाद भी विकास की राह पर नहीं पहुंच पाया. इसका कारण यहां व्याप्त अव्यवस्था है. सड़कों पर बह रहा गंदा पानी और गड्ढे, भरी हुईं नाली मानो इसकी पहचान है. रहवासी इस क्षेत्र में आज तक विकास तलाश रहे हैं. लोगों का कहना है कि यहां काफी कार्य हुए हैं लेकिन सही तरीके से रखरखाव नहीं होने के कारण अब स्थिति धीरे-धीरे बदहाल होने लगी है. लोगों को बुनियादी जरूरतें आज तक नहीं मुहैया कराई जा सकी हैं. आलम यह है कि मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग मनपा की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. इस उपेक्षा से उनमें काफी आक्रोश है. नालियों की समस्या यहां पर सबसे बड़ी है. बस्ती क्षेत्र के अलावा कॉलोनियों में भी नालियां चोक हैं. सफाई नहीं होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा होकर घरों के अंदर तक पहुंच रहा है.

लोगों की राय

सभी कार्यों में विलंब

मैं इस क्षेत्र के कार्य से फिलहाल असंतुष्ट हूं. कई विकास कार्यों को फाइलों में दबा दिया गया. तालाब के सौंदर्यीकरण से लेकर निर्माण कार्यों तक में विलंब किया जा रहा है. क्षेत्र में सक्करदरा तालाब को संवारने की सिर्फ बातें ही की गईं लेकिन उसकी हालत वैसी ही है. तालाब में वार्ड के लोग गंदगी फेंकते हैं. इस कारण यह सूख रहा है. नालियां बजबजा रही हैं.

-सुनीता रत्नाकर मुलीक

बन सकता है पर्यटन स्थल

क्षेत्र में पर्यटन के लिए सक्करदरा तालाब काफी बेहतर है लेकिन  इसकी हालत जस की तस बनी हुई है. समस्या का आज तक कोई निदान नहीं हुआ है. बीच में इसे ठीक करने को लेकर कार्य भी शुरू हुआ है लेकिन बाद में बंद कर दिया गया. इसे अगर ठीक कर दिया जाए तो आने वाले दिनों में यह बेहतर पर्यटन के लिए पहचाना जाएगा.

-जूही मानपिया (कोडापे)

मूलभूत सुविधाओं की कमी

सड़क, नाली और साफ-सफाई को लेकर सक्करदरा के अधिकतर लोग परेशान हैं. क्षेत्र के कई हिस्सों में गंदगी पसरी रहती है. हमने कई बार शिकायत की है. इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हो रहा है. इस क्षेत्र में विकास की काफी संभावनाएं है लेकिन इसका सही तरीके से नियोजन किया जाना जरूरी है.

-राजू भोटमांगे

सड़क भी खराब, बस्तियों में गंदगी 

खराब सड़कों से क्षेत्र की जनता काफी परेशान है. सक्करदरा में कई ऐसी सड़कें हैं जो पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं. बरसात के दिनों में घर से निकलना दूभर होता है. रोड का निर्माण बरसात के पहले होना अति आवश्यक है. सफाई कर्मचारी की कमी के कारण सड़कों की सफाई नहीं होती है. सफाई सप्ताह में कभी-कभी होती है.

-रौनक चौधरी

पेयजल के लिए करनी पड़ती है मशक्कत

गर्मी के मौसम में कई घरों में पानी तक नहीं पहुंचता है. टैंकर की सहायता से पानी मुहैया कराया जाने के दावे प्रशासन करता है लेकिन सच्चाई यह है कि कई घर पीने के साफ पानी के लिए तरस जाते हैं. वार्ड की महिला ने बताया कि पानी की सप्लाई बंद हो जाने पर टैंकर के माध्यम से पानी मुहैया कराया जाता है. लेकिन टैंकर भी इतने कम आते हैं कि लोगों को पानी लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. 

बढ़ गई है बस्तियों की संख्या

क्षेत्र में बस्तियों की संख्या भी बढ़ गई है लेकिन यह पूरी तरह से कोई भी विकसित नहीं हैं. चौतरफा विकास का दम भरने वाला प्रशासन इस क्षेत्र में शतप्रतिशत सड़क, नाली, बिजली व पानी की सुविधा तक उपलब्ध नहीं करा सका है. घरों का गंदा पानी कच्ची सड़क पर बह रहा है. जो स्ट्रीट लाइट वार्ड में लगाई जाती है वह बमुश्किल 3-4 दिन चलने के बाद बंद हो जाती है. बस्तियों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. गंदगी में लोग दिन गुजारने मजबूर हैं. बस्तियों को शिफ्ट करने की भी कोई प्लानिंग नहीं है.

नहीं बचा सके तालाब

इस क्षेत्र में सक्करदरा तालाब एक समय में यहां के लिए एक पिकनिक स्पाट के रूप में जाना जाता था लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज यह  पूरी तरह से सूख चुका है. इसे संवारने के लिए समय-समय पर कई दावे और वादे किए गए. लेकिन हकीकत ये है कि आज यह पूरी तरह से अपनी पहचान खो चुका है. बारिश होने के बाद भी अब यह तालाब नहीं भर पा रहा है. न ही इसे भरने के लिए कोई पहल की जा रही है. इसे बचाने के लिए कुछ संगठन आंदोलन भी करते हैं लेकिन वह भी कुछ समय का रहता है. इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

पाइप बिछाने के नाम पर खोद दी सड़क

क्षेत्र में पीने के पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है लेकिन इस कार्य के निर्माण में कई तरह की लापरवाही देखी जा रही है. वार्ड के लोगों को कहना है  कि यहां पाइप बिछाने के नाम पर पूरी गली को ही खोद दिया गया है. वहीं कार्य में भी काफी लेटलतीफी हो रही है जिससे लोगों को बारिश के वक्त काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के कारण खोदे गए गड्ढे में पानी भर जाता है जिससे कार्य और विलंब हो रहा है. 

लोगों ने कहा, टैक्स देते हैं तो सफाई क्यों नहीं?

वार्ड की एक बुजुर्ग महिला गोदवरी सबारे ने बताया कि घर के सामने ही गंदगी जमा की जाती है लेकिन इसे उठाने वाले बड़ी मुश्किल से आते हैं. सभी तरह का टैक्स अदा करने के बाद भी गंदगी चारों तरफ देखी जा सकती है. बरसात के शुरू होते ही सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो जाती है.