sand smuggling
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    नागपुर. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के साथ, नागपुर पुलिस ने शुक्रवार को अवैध रूप से उत्खनित रेत के परिवहन के लिए फर्जी रॉयल्टी पेपर उपलब्ध कराने वाले एक अंतर-राज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया. रेत माफिया इस तरह के फर्जी कागजात का उपयोग करके और अपने अवैध कारोबार को सुचारू रूप से संचालित करके सरकार के राजस्व का नुकसान कर रहे थे. पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि यह एक बड़ा रैकेट और नागपुर जिले के रेत तस्कर भी आरोपी के संपर्क में थे. आरेपी का नाम राहुल खन्ना बताया गया है. 

    फर्जी कागजात के डेमो ने खोला राज

    सीपी ने बताया कि एक स्थानीय मुखबिर से सूचना मिलने के बाद अपराध शाखा ने राहुल को भोपाल से गिरफ्तार किया. मामले में शिकायतकर्ता है- फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी संतोष बाबूराव गायकवाड़ (33) हैं. सीपी कुमार के मुताबिक, गायकवाड़ ने पुलिस के सामने रैकेट का डेमो दिखाया था. उसने मध्‍य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित बालू घाट से उत्खनित बालू के लिए रॉयल्टी पेपर और ट्रांसपोर्ट परमिट उपलब्ध कराने के लिए फोनपे से खन्ना को 9,900/- रुपये ट्रांसफर किए थे. गायकवाड़ की मांग पर खन्ना ने कागजात तैयार कर वाट्सएप पर गायकवाड़ को भेज दिए थे. नागपुर शहर के बालू तस्करों के नाम पता करने के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं.

    खन्ना के संपर्क में थे स्थानीय रेत माफिया

    रैकेट के तौर-तरीकों पर विस्तार से बताते हुए सीपी ने कहा कि नागपुर स्थित रेत तस्कर जिले से अवैध रूप से रेत की खुदाई कर रहे थे. वे चोरी की रेत को सुचारू रूप से ले जाने के लिए खन्ना द्वारा बनाए गए फर्जी रॉयल्टी पेपर का उपयोग कर रहे थे. पुलिस को पता चला कि नागपुर जिले के साथ वर्धा, यवतमाल, भंडारा और चंद्रपुर के रेत माफिया भी खन्ना के संपर्क में थे.