नागपुर. कोरोना महामारी के नियंत्रण में आने के बाद से स्कूल-कॉलेज खुल गये हैं. फिलहाल शहरी भागों में 8वीं से 12वीं और ग्रामीण भागों में 5वीं से 12वीं तक स्कूल खुले हैं लेकिन दिवाली के बाद सरकार पूरी क्षमता से स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है. ऑनलाइन पद्धति में अध्यापन योग्य तरीके से नहीं होने की बात शिक्षक संगठनों ने सरकार को बताई. इस बीच दिवाली की छुट्टियां 1 से 13 नवंबर तक हैं. यानी 15 नवंबर से पूरी क्षमता के साथ स्कूल खोलने की मांग की जा रही है.
सरकार ने ग्रामीण भागों में पहली से और शहरी भागों में 5वीं से स्कूल खोलने के पहले ही संकेत दिए हैं. इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी सहमत हैं. हाल ही में शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक ली. इसमें स्कूल खोलने के लिए हरी झंडी दिखाई गई. हालांकि शिक्षा मंत्री ने हरी झंडी दिखाई है लेकिन इस संबंध में अतिम फैसला मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल को लेना है. इसमें भी टास्क फोर्स की सिफारिश भी आवश्यक होगी.
समय पर पाठ्यक्रम पूरा करना सबसे जरूरी
राज्य में कोविड संक्रमण और मृत्यु का प्रमाण कम हुआ है. नवंबर के दूसरे सप्ताह तक स्थिति और भी स्पष्ट हो जाएगी. यही वजह है कि सरकार स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ शुरू करने पर विचार कर रही है. वैसे भी इस बार ऑफलाइन परीक्षा लेने के लिए अनुकूल स्थिति बन रही है. इस हालत में शिक्षकों के लिए समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण करना आवश्यक होगा. जो स्थिति पिछले वर्ष ग्रामीण भागों में थी, वही स्थिति इस बार भी बनी हुई है. यानी पहली से 5वी तक के छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस नाममात्र की हो रही हैं. लगातार 2 वर्ष तक ऑनलाइन परीक्षा के भरोसे छात्रों को रखे जाने का मतलब है कि उनका शैक्षणिक नुकसान करना. यही वजह है कि अब दिवाली के बाद पूरी क्षमता से स्कूल खोलने पर विविध शिक्षक संगठनों से भी चर्चा की जा रही है.
स्कूल शुरू करने के बारे में शिक्षा मंत्री के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में जिले की परिस्थिति के अनुसार स्कूल शुरू खोलने की बात रखी गई. जिले में मौजूदा हालात के मद्देनजर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पहली से चौथी तक स्कूल और आंगनवाड़ी शुरू करने के बारे में विचार प्रकट किया गया. अब सरकार जो अंतिम निर्णय लेगी उस पर अमल किया जाएगा.
– योगेश कुंभेजकर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिप