Court approves sacking of 12 Manpa employees, High Court validates Munde's decision
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नागपुर. मेसर्स बंका बुलियन्स प्रा.लि. कंपनी के माध्यम से सस्ते दामों पर सोना उपलब्ध कराने का झांसा देकर सिटी के व्यापारियों से लगभग 4 करोड़ की ठगी किए जाने को लेकर बजाजनगर पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में कंपनी के संचालक बुर्रा बाजार कोलकाता निवासी गोपालकृष्णा बंका, राघव बंका, राहुल बंका, राजकिशोर बंगा, अनिलकुमार बंका और योगेशकुमार बंका को निचली अदालत से राहत नहीं मिली.

वहीं पुलिस की ओर से बैंक खाते भी जब्त  कर लिए गए. इसे चुनौती देते हुए अब कंपनी के संचालकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश विनय जोशी और न्यायाधीश भरत देशपांडे ने बजाजनगर पुलिस और ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. उल्लेखनीय है कि रामदासपेठ निवासी आशुतोष नटवर मूंदड़ा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है.

एडवांस में पैसा, नहीं मिला गोल्ड बार

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि बजाजनगर पुलिस ने कंपनी के संचालकों के खिलाफ धारा 120बी, 403, 406, 420, 409 और 417 के अलावा धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया है. जांच के दौरान पुलिस ने 15 फरवरी 2023 को कंपनी के संचालकों के बैंक खाते जब्त कर लिए. शिकायतकर्ता के अनुसार वर्ष 2016 के दौरान उसने सोना खरीदने के लिए समय-समय पर कंपनी में पैसे जमा किए. 2 दिसंबर 2016 के पहले तक एडवांस में निधि जमा की किंतु उसे गोल्ड बार के रूप में सोना नहीं दिया गया. याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि शिकायतकर्ता ने यह आपत्ति 4 वर्ष बाद उठाई है. पुलिस रिपोर्ट दायर करने के बाद इसका संज्ञान लिया गया. जांच के दौरान खाते जब्त किए गए.

चुराई सम्पत्ति नहीं हैं बैंक खाते

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि बिल के अनुसार याचिकाकर्ता द्वारा समय-समय पर सोना भेजा गया है. चूंकि 4 वर्ष बाद एफआईआर दर्ज कर आपत्ति जताई गई, वह तर्कसंगत नहीं है. इसके अलावा कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर की धारा 102 लागू नहीं होती है. न तो जब्त किए गए बैंक खाते चुराई गई सम्पत्ति हैं और न ही कोई अपराध किए जाने का संदेह पैदा करते हैं. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.