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सीपी अमितेश कुमार

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    नागपुर. बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से शहर का अपराध नियंत्रण में है. लगातार विभिन्न अभियानों के तहत मुहिम चलाई जा रही है और इसका परिणाम देखने को मिल रहा है. हत्या और हत्या के प्रयास की घटनाओं को रोकने में पुलिस को सफल हुई है. गुरुवार को मीडिया से चर्चा के दौरान सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि पुलिस अपराधों पर पूरी तरह प्रतिबंध तो नहीं लगाया जा सकता है लेकिन देखने वाली बात ये है कि पिछले 9 वर्षों में डिटेक्शन रेट पहली बार 70 प्रश हुआ है. अपराध होने के साथ ही अपराधियों का पकड़ा जाना भी जरूरी है. डिटेक्शन के साथ सजा का दर बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

    बीते वर्ष डिटेक्शन रेट 11 प्रश था, जबकि इस वर्ष 27 प्रश है. महिलाओं से जुड़े अपराधों में सजा की दर 26 प्रश है. रेप के मामलों में संबंधित जोन के डीसीपी को निगरानी अधिकारी नियुक्त किया जाता है. इससे अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. इसे और भी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस और विधि सेवा के संयुक्त प्रयासों से इसे और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में करीब 3,000 अपराधी फरार हैं. इसमें कुछ गंभीर मामलों के भी आरोपी लिप्त हैं. 11 अगस्त से 30 सितंबर के बीच पुलिस इन अपराधियों को पकड़ने के लिए ‍विशेष अभियान चलाने वाली है. चर्चा में डीआईजी नवीनचंद्र रेड्डी, नीवा जैन, डीसीपी चिन्मय पंडित भी उपस्थित थे.

    बीते वर्षों की तुलना में कम हुईं हत्याएं 

    अपराधियों पर लगाम तभी कसी जा सकती है जब उन पर लगातार निगरानी करके प्रतिबंधक कार्रवाई की जाए. पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर्स पर रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई की है. ज्यादातर अपराधी या तो जेल में हैं या शहर से बाहर भाग गए हैं. यही कारण है कि हत्या की वारदातें कम हुई हैं. जुलाई 2021 तक शहर में 58 मर्डर हुए थे, जबकि इस वर्ष 40 हत्याएं  हुई हैं. इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी महीने शहर में मर्डर नहीं हुआ हो लेकिन फरवरी में एक भी हत्या नहीं हुई. हत्या के प्रयास के मामले जुलाई 2021 में 80 थे, जबकि इस वर्ष केवल 52 मामले दर्ज हुए हैं. पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने में सक्षम है. कोई भी अपराधी पुलिस से बच नहीं सकता. 

    रेप की घटनाओं ने बढ़ाया टेंशन

    उन्होंने कहा कि रेप की घटनाओं में इजाफा होना चिंता का विषय है. वर्ष 2021 में रेप की 234 घटनाएं हुई थीं. छेड़खानी के 356 मामले दर्ज हुए थे. इस वर्ष जुलाई तक रेप के 167 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि छेड़खानी की 185 वारदातें हुई हैं. ऐसे मामलों का बढ़ना वाकई गंभीर बात है. पुलिस इन सभी पीड़ितों के घर जाकर संपर्क करेगी. उन्हें आरोपी से कोई परेशानी तो नहीं है यह जानने का प्रयास किया जाएगा. रेप पीड़िताओं को सरकार द्वारा मनोधैर्य योजना के तहत मदद दी जाती है. यह राशि उन्हें मिली या नहीं. यदि नहीं मिली है तो पुलिस उनकी मदद करेगी. 

    ड्रग्स विक्रेताओं पर कसी जा रही नकेल

    युवाओं में ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने का प्रमाण बढ़ रहा है, इसीलिए सभी ड्रग्स विक्रेताओं पर नकेल कसना जरूरी है. पुलिस ने जुलाई तक 120 मामले दर्ज करके 182 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनसे 1.21 करोड़ रुपये का माल भी जब्त किया गया. कई लोग पुलिस के रडार पर हैं. इसके अलावा रेत माफियाओं पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है. 28 मामले दर्ज कर 55 आरोपियों को गिरफ्तार कर 6.46 करोड़ का माल जब्त किया गया. पिछले कुछ समय में चेन स्नैचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं. वारदातों में लिप्त अपराधियों की पहचान हो रही है और आरोपी गिरफ्तार किए जा रहे हैं. हालांकि आंकड़ों के हिसाब से इस वर्ष कम वारदातें हुई हैं.