Shiv Sena Protest

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    नागपुर. शिवसेना विधायक दुष्यंत चतुर्वेदी के मार्गदर्शन और शहर प्रमुख नितिन तिवारी व मंगला गवरे के नेतृत्व में सोमवार को बड़ी संख्या में शिवसैनिकों और स्थानीय लोगों ने 24 बाय 7 जलापूर्ति के लिए नेहरूनगर जोन क्रमांक 5 कार्यालय के सामने मटका फोड़ो आंदोलन किया. मनपा के सह आयुक्त अशोक पाटिल तथा ओसीडब्ल्यू के अधिकारी नायक का घेराव भी किया गया. तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में दिसंबर से ही कुएं सूख गए. वाटर टैंकरों की कमी के चलते शहरवासियों को जल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

    उन्होंने ओसीडब्ल्यू पर जनता के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि नेहरूनगर के जोन-5 में सिर्फ 45 मिनट पीने का पानी दिया जा रहा है. नलों में पानी की धार भी कम कर दी गई ताकि लोगों को कम पानी मिले. पहले जल संकटग्रस्त क्षेत्रों में टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाता था जिससे जनता को राहत मिलती थी लेकिन अब यह सेवा भी बंद होने से जनता हलाकान है. ताजबाग परिसर में नलों में गटर का दूषित पानी आने की वजह से जनता बदबूदार पानी पीने को मजबूर है.

    15 वर्षों से सिर्फ सपने ही दिखा रहे

    तिवारी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से महानगरपालिका की सत्ता भाजपा ने संभाल रखी है और २४ बाय ७ वाटर सप्लाई के सपने दिखा रही है. साफ है कि जनता को मूर्ख बनाकर सत्ता में जगह पक्की की जाती है. हाल यह है कि ताजबाग जैसे अनेक परिसरों अभी तक नलों की पाइप लाइन तक नहीं बिछाई गई है. यहां तक कि अपनी दूरदर्शिता के लिए पहचाने लाने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के लोकसभा क्षेत्र में उनकी ही स्वर्णिम योजनाओं को प्रशासन विफल कर रहा है. राज्य के उपमुख्यमंत्री फडणवीस के  विधानसभा क्षेत्र के अलावा बाकी शहर में जलापूर्ति पर किसी का ध्यान नहीं है. 

    भूख हड़ताल की चेतावनी

    तिवारी ने कहा कि 24 बाय 7 का इंतजार करते हुए शहर की जनता हलाकान हो चुकी है. यदि 7 दिनों के भीतर यह प्रणाली शुरू नहीं की गई और नलों में वाटर सप्लाई का समय नहीं बढ़ाया गया तो शिवसेना रास्ते पर उतरकर धरना और भूख-हड़ताल करेगी. सारी शिकायतें सुनने के बाद सह आयुक्त और ओसीडब्लयू के प्रतिनिधि ने कहा कि जल्द ही नलों से जलापूर्ति का समय 45 मिनट से बढ़ाकर 2 घंटे और महीने में 24 बाय 7 जलापूर्ति करने का आश्वासन दिया. इस अवसर पर सुशीला नायक, सुरेखा खोबरागड़े, गौरव मोहोड़, शशिधर तिवारी, प्रीतम कापसे, मुन्ना तिवारी, हरिभाऊ बनाइत, नाना झोडे समेत बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों की उपस्थिति रही.