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  • 8,000 से अधिक घरकुल का काम नहीं हुआ पूरा

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नागपुर. गरीबों को उनका अपना आशियाना देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विविध आवास योजनाएं शुरू की गईं. योजनाओं का नागपुर जिले में भी हजारों लाभार्थियों को लाभ मिला. वर्ष 2014-15 में तो घरकुल निर्माण का टारगेट पूरा करने में नागपुर ग्रामीण विकास प्रकल्प यंत्रणा यानी डीआरडीओ राज्य में प्रथम स्थान पर था लेकिन उसके बाद 2015-16 में उसकी स्थिति 5वें स्थान पर आ गई. उसके बाद तो किसी भी वर्ष विभाग ने दिया हुआ टारगेट पूरा नहीं कर पाया.

बीते 3 वर्ष यानी 2019 से 2022 के दौरान विविध कारणों के चलते घरकुल निर्माण कार्य की गति काफी धीमी हो गई. हालत यह है कि अभी भी बीते 3 वर्षों का टारगेट पूरा नहीं किया जा सका है और 8,258 लाभार्थियों को उनके सपनों का घर नहीं मिल सका है. गरीब लाभार्थी परेशान हो रहे हैं. एक ओर केंद्र सरकार और राज्य सरकार यह दावा कर रही है कि हर एक परिवार को उनके हक का घर दिया जाएगा लेकिन दूसरी ओर आवास निर्माण कार्य आधे-अधूरे लटके हुए हैं.

22,394 घरकुल का था टारेगट

बीते 3 वर्षों में जिले में लगभग 22,394 घरकुल का टारगेट डीआरडीओ को दिया गया था जिसमें से 21,982 घरकुल को प्रशासन की ओर से मंजूरी मिली. आज की स्थिति में मंजूर घरकुल में से 8,258 घरकुल का कार्य नहीं हुआ है. अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, अनेक ऐसे लाभार्थी हैं जिनके पास जमीन नहीं होने से घर का सपना पूरा नहीं हो सका. टारगेट को पूरा करने के लिए कई तरीकों से जमीन भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि घर निर्माण के लिए ग्रामीण भागों में बीपीएल, एससी, एसटी व अन्य वर्ग के गरीब परिवारों को केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना, राज्य सरकार की रमाई व शबरी आवास योजना का लाभ दिया जाता है. इसमें जिनके पास जमीन है उसे घर निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये दिये जाते हैं. यह 4 किस्तों में उनके बैंक खातों में सीधे जमा किया जाता है. 

रमाई व शबरी आवास जीरो

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तो वर्ष 2020-21 में रमाई व शबरी आवास योजनाओं के लिए जिले में एक भी घरकुल का टारगेट नहीं था, मतलब जीरो टारगेट. हालांकि बीते 3 वर्ष 2019 से 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 19,769 घरकुल मंजूर हुए थे लेकिन उसमें से 13,758 का काम ही पूरा हुआ. 6,011 घरकुल का कार्य नहीं हो पाया है. वहीं उक्त अवधि में शबरी योजना में 875 घरकुल का टारगेट था जिसमें से 845 को मंजूरी मिली थी. इसमें से 417 घर बने हैं और 428 अभी तक अपूर्ण हैं. इसी तरह रमाई आवास योजना में बीते 3 वर्ष के लिए जिले में 1,750 घरकुल का प्रस्ताव था जिनमें से 1,378 को मंजूरी मिली थी. उनमें से 559 का ही कार्य पूरी हुआ है और 819 का कार्य अपूर्ण है. बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के कारण भी कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.