Nagpur ST Bus Stand
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    नागपुर. एसटी के राज्य सरकारी सेवा में विलय की मांग को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल 33वें दिन भी जारी रही. हड़ताल से शहरी और ग्रामीण इलाकों के यात्री प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि एसटी प्रशासन कर्मचारियों पर दबाव डालने में सफल हो रहा है लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी है. इस बीच गुरुवार को  गणेशपेठ डिपो से सुबह 7 बजे और इमामवाड़ा से बसें रवाना हुईं.

    नागपुर से सावनेर, रामटेक, उमरेड, कटोल, भंडारा के रूट पर गुरुवार को फिर 24 फेरियां हुईं. कुल 8 बसों में 631 यात्रियों ने 1,239 किमी का सफर तय किया. डिपो प्रमुख नीलेश बेलसरे ने बताया कि इससे एसटी को 35,895 रुपये की आमदनी हुई. 

    अब निलंबन की कार्रवाई नहीं

    गणेशपेठ, इमामवाड़ा, घाट रोड पर अब तक 432 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है. विभाग के तहत 90 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है और 32 कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है. हड़ताल जारी होने के बाद भी एसटी कर्मचारियों के खाते में नवंबर का वेतन जमा कर दिया गया है. कर्मचारियों के वेतन में 5,000 रुपये की वृद्धि की गई है. इसके बाद भी कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हैं. पिछले 5 दिनों में एसटी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

    अब प्रशासन द्वारा कर्मचारियों पर काम पर लौटने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि कुछ कर्मचारी काम पर लौटना चाहते हैं लेकिन यूनियनबाजी के चक्कर में उनमें भी संदेह बना हुआ है. कर्मचारियों का कहना है कि वेतन वृद्धि समाधान कारक है जबकि एसटी कर्मचारी संघर्ष समिति ने कहा कि जब तक विलय पर फैसला नहीं हो जाता हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण गत माह से एसटी सेवाएं बंद होने से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों को परेशानी हो रही है. निजी बसों के लिए यात्रियों को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है.