
- मास्क व सैनेटाइजर अनिवार्य
नागपुर. गुजराज और कर्नाटक की तरह अब महाराष्ट्र में भी एसटी बसों में पूरी सवारियां बैठाई जा सकेगी. राज्य सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के चलते एक सीट पर एक ही सवारी वाली शर्त को समाप्त कर दिया है. हालांकि हर सवारी के लिए मास्क और सैनेटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा.
ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के चलते लाकडाउन के बाद से बंद एसटी बसों को 20 अगस्त से दोबारा शुरू किया. कुछ दिनों में ही लाल परी को नागरिकों को प्रतिसाद मिलने लगा लेकिन एक सीट, एक सवारी के चलते केवल 22 यात्री ही यात्रा कर पा रहे थे. वहीं, भारी घाटा झेल रहे एसटी महामंडल को भी आर्थिक नुकसान हो रहा था. यात्री और महामंडल की परेशानी को देखते हुए सरकार ने सभी सीटों पर सवारी बैठाने की अनुमति दे दी.
दौड़ रही 5,000 बसें
ज्ञात हो कि लाकडाउन के कारण एसटी बसों के पहिए थम गये थे. ट्रेनें और फ्लाइट शुरू कर दी गई लेकिन एसटी बसों को लेकर बड़े संशय के बाद 20 अगस्त से शुरू किया. वर्तमान में करीब 5,000 एसटी बसें चलाई जा रही है जिनमें पूरे राज्य में करीब 5 से 6 लाख लोग सफर कर रहे हैं. ऐसे में एक सीट, एक सवारी की शर्त की समाप्ति के बाद से यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना है.
सावधानी जरूर
गणेशपेठ स्थित एसटी डिपो प्रमुख अनिल आमनेरकर ने बताया कि यहां से अमरावती, चंद्रपूर, यवतमाल के लिए नियमित बसें चल रही है. वहीं, लंबी दूरियों की बसों में पुणे, नांदेड और औरंगाबाद की फेरियां शामिल हैं. वर्तमान में यहां से 90 बसें आना-जाना कर रही है और प्रतिदिन करीब 250- 300 फेरियां हो रही है.
हालांकि लाकडाउन से पहले इनकी संख्या 1,000 फेरी तक होती थी. लेकिन अब माहौल बदल चुका है. यात्रियों को भी सफर के साथ सावधानियां बरतनी जरूरी है. हर यात्री को मास्क पहना जरूरी है तथा हाथ सैनेटाइज करने होंगे. दूसरी तरफ एसटी कामगार संघटनेचे प्रादेशिक सचिव अजय हट्टेवार ने मांग की है कि एसटी के ड्राइवरों और कंडक्टरों व अन्य कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए सरकार की ओर से सेनेटाइजर और हैंडग्ल्वज जैसे जरूरी उपकरण निशुल्क प्रदान किये जाने चाहिए.
जरूरत के अनुसार बढ़ेगी फेरियां
एसटी महामंडल नागपुर विभाग के नियंत्रक नीलेश बेलसरे ने बताया कि फिलहाल शनिवार और रविवार को जनता कर्फ्यू घोषित किया गया है. भविष्य में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. एसटी प्रबंधन इस बात के लिए पूरी तरह से तैयार है. जरूरत पड़ने पर अधिक बसें भी चलाई जायेगी और फेरियां भी बढ़ेगी.